महाराष्ट्र गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। गर्मी का असर राज्य के कई क्षेत्रों पर अभी से ही नजर आने लगा है। पानी की कमी और सूखे ने फसलों पर भी प्रभाव डाला है। कम बारिश का असर अन्य फसलों की तरह स्ट्रॉबेरी पर भी पड़ने लगा है। महाबलेश्वर तालुका में पानी की गंभीर कमी के कारण सीजन लगभग एक से डेढ़ महीने पहले खत्म हो जाएगा। सीज़न जल्दी ख़त्म होने से कुल सीज़न का 25 से 30 प्रतिशत उत्पादन कम हो जाएगा।
महाबलेश्वर तालुका में स्ट्रॉबेरी की खेती औसतन तीन हजार एकड़
राज्य में अधिकांश स्ट्रॉबेरी महाबलेश्वर तालुक में उगाई जाती हैं। इस सीज़न के दौरान,अकेले महाबलेश्वर तालुक में 2800 से 3000 एकड़ क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती की गई थी। इसके अलावा, वाई, जावली, कोरेगांव, सतारा के सभी तालुकों में 1000 एकड़ में पौधे लगाए गए हैं। स्ट्रॉबेरी सीज़न की शुरुआत अच्छी रही। इस दौरान कीमत 200 से 400 रुपये प्रति किलो तक रही।
सीजन की शुरुआत में दाम 200 से 400 रुपए प्रति किलो थे
दिसंबर और जनवरी के महीनों के दौरान दरें स्थिर थीं। हालांकि यह मौसम अच्छा जाता दिख रहा है, लेकिन पानी की कमी ने एखाद महीना और चलने वाला सीजन अभी से ही ख़त्म होने की कगार पर है। पिछले साल काम वर्षा के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है।जिले के सभी हिस्सों में कमोबेश पानी की कमी महसूस होने लगी है। इसके चलते मार्च के अंत में सीजन खत्म होने की संभावना है।
कम बारिश के कारण सीजन एक से डेढ़ महीने पहले खत्म
अगर सीजन जल्दी खत्म हुआ तो उत्पादन में कम से कम 25 से 30 फीसदी की कमी आएगी। इससे किसानों को काफी नुकसान होगा। छुट्टियों के सीजन में महाबलेश्वर और पंचगनी में पर्यटकों का प्रवाह बढ़ेगा। लेकिन इस बार पर्यटकों को स्ट्रॉबेरी के स्वाद से महरूम रहना होगा। हलाकि इसका सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को होगा। क्यंकि गर्मियों में अधिकतर टूरिस्ट घूमने के लिए महाबलेश्वर को चुनते हैं।
अन्य जिलों की स्ट्रॉबेरी के कारण प्रसंस्करण के लिए स्ट्रॉबेरी की कीमत में कमी
महाबलेश्वर के अलावा नासिक जिले में बड़ी मात्रा में स्ट्रॉबेरी की खेती होने लगी है। हालाँकि नासिक की स्ट्रॉबेरी का स्वाद महाबलेश्वर की तुलना में कम है, क्योंकि ये स्ट्रॉबेरी प्रसंस्करण के लिए उपयोगी हैं, प्रसंस्करण के लिए स्ट्रॉबेरी की कीमत में गिरावट शुरू हो गई है। फिलहाल यह स्ट्रॉबेरी 25 से 30 किलो प्रति किलो मिल रही है। महाबलेश्वर तालुका में स्ट्रॉबेरी की फसल बेमौसम बारिश, कमोबेश ठंडे मौसम और गर्मियों में पानी की कमी के कारण संकट में है।