परभणी : किसानों को वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का आरम्भ किया जा रहा है । परभणी में वसंतराव नाईक मराठवाडा कृषि विश्वविद्यालय में इसका उद्घाटन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों किया गया। यह राष्ट्रव्यापी अभियान आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने और किसानों को समृद्ध बनाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
अभियान की संकल्पना और उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए केंद्र सरकार ने यह विशेष अभियान शुरू किया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में 29 मई से 12 जून 2025 तक देशभर में यह अभियान चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी देना, फसल प्रबंधन में सुधार करना और उत्पादन को बढ़ावा देना है।
महाराष्ट्र में अभियान की क्रियान्विति
महाराष्ट्र में यह अभियान कृषि विभाग और 50 कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से 4,500 गांवों में संचालित किया जाएगा। मराठवाड़ा क्षेत्र में वसंतराव नाईक मराठवाडा कृषि विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में 12 कृषि विज्ञान केंद्र भाग लेंगे। अभियान के तहत प्रत्येक गांव में 200 किसानों को मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे राज्य के लगभग 2,01,600 किसानों तक आधुनिक कृषि तकनीक पहुंचेगी।
प्रमुख उपस्थित अतिथि
इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री एड. माणिकराव कोकाटे, परभणी की पालक मंत्री मेघना साकोरे-बोर्डीकर, राज्यमंत्री एड. आशिष जयस्वाल, सांसद संजय जाधव, विधायक सतीश चव्हाण, विधायक डॉ. राहुल पाटिल, विधायक रत्नाकर गुट्टे, विधायक राजेश विटेकर, प्रधान सचिव (कृषि) विकासचंद्र रस्तोगी, कृषि आयुक्त सुरज मांढरे और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
वैज्ञानिकों की भूमिका
देशभर के 723 जिलों में 65,000 से अधिक गांवों में अभियान को सफल बनाने के लिए 2,170 विशेषज्ञ दल सक्रिय होंगे। प्रत्येक दल में कम से कम चार वैज्ञानिक होंगे, जिनमें कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक, शोध संस्थानों के विशेषज्ञ, सरकारी विभागों के अधिकारी, प्रगतिशील किसान और एफपीओ के सदस्य शामिल होंगे। इस अभियान का लक्ष्य 1.3 करोड़ से अधिक किसानों तक पहुंचना है।
अभियान के संभावित प्रभाव
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि यह अभियान किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से परिचित कराएगा और उन्हें सशक्त बनाएगा। इससे किसानों को खरीफ फसल की योजना बनाने में मदद मिलेगी और उन्हें स्थायी उत्पादन प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।