Himachal Pradesh : हिमाचल सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को देगा नया आयाम, कृषि और बागवानी क्षेत्रों में खर्च होंगे 2,000 करोड़ रुपये: मुख्यमंत्री सुक्खू

 

शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान कृषि, बागवानी और संबद्ध क्षेत्रों के सुदृढ़ीकरण पर 2,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। मुख्यमंत्री शिमला में आयोजित वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें कृषि, बागवानी, पशुपालन और मिल्कफैड से जुड़े अधिकारी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल पारंपरिक खेती को आगे बढ़ाना नहीं है, बल्कि इससे जुड़े उत्पादों का प्रसंस्करण और प्रभावी विपणन तंत्र भी विकसित करना है। इस दिशा में सरकार ने दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भी कई नवाचारों को अमल में लाने की पहल की है। उन्होंने कहा कि पशुधन भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ है और सरकार इस क्षेत्र को भी पूरी गंभीरता के साथ विकसित कर रही है।

हिम गंगा योजना: हमीरपुर और कांगड़ा में पायलट प्रोजेक्ट

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि ‘हिम गंगा योजना’ को पशुधन क्षेत्र में सुधार लाने के उद्देश्य से आरंभ किया गया है। इस योजना का प्रथम चरण फिलहाल हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में पायलट आधार पर शुरू किया गया है। योजना के अंतर्गत दुग्ध उत्पादन और संग्रहण को सुव्यवस्थित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

मिल्कफैड (Milkfed) के माध्यम से मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों में अब तक 120 स्वचालित और 32 डिजिटल दूध संग्रहण इकाइयों की स्थापना की जा चुकी है। ये इकाइयां न केवल दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगी, बल्कि किसानों को उचित मूल्य पर विपणन सुविधा भी प्रदान करेंगी।

प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन

राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में भी सक्रिय रूप से काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वित्त वर्ष में प्राकृतिक खेती से उत्पादित फसलों जैसे हल्दी, गेहूं और मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की गई है। अब हल्दी का MSP ₹90 प्रति किलोग्राम, गेहूं का ₹60 प्रति किलोग्राम और मक्का का ₹40 प्रति किलोग्राम तय किया गया है।

इसके अतिरिक्त, सरकार ने इस वर्ष एक लाख नए किसानों को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, इन किसानों को ‘हिम परिवार रजिस्टर’ से जोड़ने की योजना बनाई गई है, जिससे उनके लिए सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ उठाना आसान होगा।

कृषि और बागवानी को मिलेगी नई गति

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कृषि और बागवानी को आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़ना समय की मांग है। इसके लिए सरकार सिंचाई, प्रसंस्करण, भंडारण और विपणन के क्षेत्र में समग्र विकास की रणनीति पर कार्य कर रही है। इससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी और युवाओं को भी खेती से जोड़ा जा सकेगा।

बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, विधायक आशीष बुटेल, मिल्कफैड अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर, पशुपालन सचिव रितेश चौहान, मिल्कफैड के प्रबंध निदेशक विकास सूद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने मुख्यमंत्री की योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए समर्पण और सहयोग का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने अंत में कहा कि सरकार का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश को कृषि (Agriculture), बागवानी (Horticulture) और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और उन्नत राज्य बनाना है। इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।

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