नोएडा : कृषि क्षेत्र में महिलाये सबसे अधिक मेहनत करती है, लेकिन उन्हें उस अनुपात में लाभ नहीं मिल पाता। इस असंतुलन को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार की ओर से एक सराहनीय पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने प्रदेश के प्रत्येक गांव में “कृषि सखी” (Krishi Sakhi) नियुक्त करने का निर्णय लिया है। इस योजना के लिए सरकार ने 250 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
योजना के अनुसार, बुंदेलखंड और गंगा तटवर्ती इलाकों के अलावा अब गंगा की सहायक नदियों के दोनों किनारों पर भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इस दिशा में किसानों को जागरूक करने और मार्गदर्शन देने के लिए कृषि सखियों की नियुक्ति की जाएगी। प्रत्येक कृषि सखी को प्रति माह 5000 रुपये मानदेय मिलेगा। उन्हें संबंधित जिले के कृषि विज्ञान केंद्रों में विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
सरकार की मंशा इस योजना से 282 ब्लॉकों की 2144 ग्राम पंचायतों के करीब 2.5 लाख किसानों को जोड़ने की है। योजना के अंतर्गत खेती क्लस्टर आधारित होगी और हर क्लस्टर 50 हेक्टेयर भूमि का होगा। अगले दो वर्षों में सरकार इस योजना पर करीब 250 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। प्रत्येक जिले में दो बायो इनपुट रिसर्च सेंटर (BRC) की स्थापना भी की जाएगी ताकि किसानों को जैविक खेती से संबंधित उन्नत तकनीकों और सामग्री की जानकारी मिल सके।
बुंदेलखंड में गो आधारित प्राकृतिक खेती (Natural Farming Mission) का मिशन
सरकार बुंदेलखंड के झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट जिलों में गो आधारित प्राकृतिक खेती मिशन चला रही है। इसमें किसानों को गोबर और गोमूत्र से खाद और कीटनाशक जैसे जीवामृत, बीजामृत और घन जीवामृत तैयार करने की विधियां सिखाई जा रही हैं। किसानों को प्रशिक्षित किया गया है कि वे इन मिश्रणों का उपयोग अपने खेतों और फसलों में करें।
सरकार ने इस प्राकृतिक खेती मिशन के पहले और दूसरे चरण के लिए 13.16 करोड़ रुपये जारी किए हैं। अब तक 470 क्लस्टर गठित किए जा चुके हैं और 21,934 किसानों को इससे जोड़ा गया है। हर ग्राम पंचायत में 50 हेक्टेयर भूमि का एक क्लस्टर बनाया गया है। सरकार किसानों को दो हेक्टेयर तक भूमि पर प्राकृतिक खेती के लिए वित्तीय सहायता भी दे रही है। साथ ही, किसानों के लिए 2535 फार्मर्स फील्ड स्कूल सत्र आयोजित किए गए हैं।
7700 से ज्यादा गो आश्रय केंद्र स्थापित
योगी सरकार अब तक प्रदेश में 7700 से अधिक गो आश्रय केंद्र स्थापित कर चुकी है, जिनमें करीब 12.5 लाख निराश्रित गोवंश को आश्रय दिया गया है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत लगभग 1 लाख लाभार्थियों को 1.62 लाख निराश्रित गोवंश वितरित किए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह 1500 रुपये की सहायता भी दी जाती है।
प्रवक्ता के अनुसार, गो आश्रय केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। कृषि विभाग के सहयोग से इन केंद्रों पर वर्मी कंपोस्ट इकाइयों की स्थापना की जाएगी। गोबर और गोमूत्र को प्रोसेस करने के लिए उचित तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, चारे की उन्नत किस्मों के उत्पादन और उन्हें संरक्षित करने के तरीकों के बारे में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय चारा अनुसंधान केंद्र, झांसी की मदद ली जाएगी। इस पहल से केवल महिलायें सबल बनेगी साथ ही प्राकृतिक खेती और पशुपालन को भी बढ़ावा मिलेगा।