किसान आंदोलन का सब्जियों की कीमतों पर पड़ा असर, कीमतों में आया भारी उछाल

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी हैं। किसानों को उनकी मांगों को लेकर आंदोलनकारी किसानों को रोकने के लिए पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की सीमाओं को बंद कर दिया गया है। ऐसे में मंडियों में सब्जियों और फलों के आने पर विपरीत असर देखने को मिल रहा है। दिल्ली एनसीआर की एक मंडी में टमाटर के थोक भाव में 80 फीसदी तक का उछाल देखने को मिला है। एमएसपी गारंटी कानून समेत कई मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं और दिल्ली के लिए आगे बढ़ रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की सीमाओं को बंद कर दिया गया है। हाईवे पर कंक्रीट बैरिकेडिंग लगाई गई है और कई इलाकों में धारा 144 भी लागू कर दी गई है।

ऐसे में मंडियों में सब्जियों और फलों के आने पर विपरीत असर देखने को मिल रहा है। दिल्ली एनसीआर की एक मंडी टमाटर के थोक भाव में 80 फीसदी तक का उछाल आया है। इसके साथ ही अन्य सब्जियों की कीमतों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश की बरेली सब्जी मंडी के कारोबारियों का कहना है कि किसानों के आंदोलन का असर आवक पर पड़ सकता है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं।

टमाटर की थोक कीमतों में 80 फीसदी का उछाल

किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं और इसका असर सप्लाई पर देखने को मिल सकता है। किसान संगठनों के मार्च के कारण मंडियों में सब्जियों और फलों की आवक में गिरावट आई है। किसान तक की खबर के मुताबिक गाजियाबाद की साहिबाबाद फल एवं सब्जी मंडी में कुछ सब्जियों के दाम में उछाल देखा गया है। कारोबारियों का कहना है कि टमाटर का 25 किलो का क्रेट 350-400 रुपये में बेचा जा रहा था और यह 500 रुपये तक पहुंच गया है। टमाटर के थोक भाव में करीब 80 फीसदी का उछाल है।

गोभी और गाजर की कीमतों में भी उछाल आया

साहिबाबाद फल और सब्जी मंडी में आवक में गिरावट के कारण अन्य हरी सब्जियों की कीमतों में भी अंतर आ गया है, जिनमें फूलगोभी 15-16 रुपये प्रति किलो बिक रही थी, वह अब 5 रुपये का उछाल के साथ 20-21 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। इसी तरह गाजर 6 से 8 रुपये प्रति किलो बिक रही थी। जो अब 10 रुपये प्रति किलो के दाम को पार कर गई है। इसके साथ ही कुछ फलों के थोक भाव में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली है।

जनवरी में सब्जियों के दाम 25 फीसदी के पार

अगर किसानों का आंदोलन कई दिनों तक चलता है, तो सब्जियों के साथ-साथ फलों और अनाज की आपूर्ति प्रभावित होगी, जिससे कीमतें बढ़ जाएंगी। ऐसे में खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी का आंकड़ा भी छू सकती है। वहीं, उत्तर प्रदेश की बरेली सब्जी मंडी के कारोबारियों का कहना है कि किसानों के आंदोलन की वजह से आवक में गिरावट का असर पड़ सकता है और जिससे कीमतें बढ़ेंगी। सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 में खुदरा महंगाई दर 5.10 प्रतिशत रही है। इसी तरह सब्जियों और सब्जियों की महंगाई दर जनवरी में 25 प्रतिशत से ऊपर दर्ज की गई है। लेकिन अगर किसानों का आंदोलन लंबा खिंचता है तो आपूर्ति प्रभावित होगी, जिससे सब्जियां महंगी हो जाएंगी।

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