मुंबई : महाराष्ट्र के युवाओं को विश्वस्तरीय कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें वैश्विक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कौशल विकास विभाग कार्य कर रहा है। इसी दिशा में, महाराष्ट्र में भी सिंगापुर के तर्ज पर एक ग्लोबल स्किल सेंटर स्थापित करने के प्रयास जारी हैं। इसी संदर्भ में आज कौशल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने सिंगापुर के वाणिज्य दूत ओंग मिंग फुंग से मंत्रालय में मुलाकात कर चर्चा की। मंत्री लोढ़ा ने बताया कि कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होते ही महाराष्ट्र के युवाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के ट्रेड्स में प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा।
प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए सिंगापुर के वाणिज्य दूत की सहमति
इस बैठक के दौरान सिंगापुर के वाणिज्य दूत ओंग मिंग फुंग ने महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न हिस्सों में चल रहे व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी ली। कौशल विकास विभाग द्वारा संचालित केंद्रों पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया और महाराष्ट्र के विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय कौशल प्रशिक्षण देने पर सहमति जताई। इस बैठक में व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण निदेशालय की संचालिका श्रीमती माधवी सरदेशमुख, कौशल विकास सोसायटी के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल सोनावणे और मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी कौस्तुभ धवसे उपस्थित थे।
युवाओं को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रोजेक्ट्स में प्रशिक्षण का अवसर
सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन सर्विसेज (ITEES) में वैश्विक उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार कौशल पाठ्यक्रम (Skill Sylabus ) शामिल किए जाते हैं। इस पहल के माध्यम से महाराष्ट्र के युवाओं को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रोजेक्ट्स में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, वे आधुनिक तकनीक, रोबोटिक्स, एआई टेक्नोलॉजी, औद्योगिक प्रणाली और सेवाओं से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।
ग्लोबल स्किल ट्रेनिंग को लेकर जल्द होगा समझौता
सिंगापुर के ग्लोबल स्किल सेंटर के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे छात्रों को वैश्विक रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। इसी दिशा में, महाराष्ट्र सरकार कौशल विकास विभाग के जरिए युवाओं के लिए विश्व स्तर पर अवसर सृजित करने का प्रयास कर रही है। मंत्री लोढ़ा ने कहा कि सिंगापुर के वाणिज्य दूत ओंग मिंग फुंग के साथ सकारात्मक चर्चा हुई है और जल्द ही इस विषय पर एक समझौता (MoU) किया जाएगा।