पटना, 11 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): बिहार में नई एनडीए (NDA) सरकार जमीन सुधार को लेकर तेजी से कदम उठा रही है। जहां एक ओर पूरे राज्य में सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की प्रक्रिया जारी है, वहीं उपमुख्यमंत्री और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा 12 दिसंबर से राज्यव्यापी ‘भूमि सुधार जनकल्याण संवाद कार्यक्रम’ की शुरुआत करने जा रहे हैं।
विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि भूमि सुधार से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए यह कार्यक्रम नई सरकार की “नई पहल” है। पटना से शुरू हो रहा यह संवाद अगले 100 दिनों में राज्य के सभी 38 जिलों तक पहुंचेगा, जहां रैयत अपनी समस्याएं सीधे अधिकारियों व मंत्री के सामने रख सकेंगे। सभी संबंधित विभागीय अधिकारी इन जिलों में होने वाले कार्यक्रमों में मौजूद रहेंगे।
सिन्हा ने कहा कि सही भूमि रिकॉर्ड न होने और पुराने नाम दर्ज रहने के कारण प्रदेश के लाखों लोगों को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार भूमि विवाद हिंसा का रूप भी ले लेते हैं। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इन्हीं समस्याओं का त्वरित समाधान करना है।
15 लाख आवेदनों की हुई अपलोडिंग
राजस्व महाअभियान के दौरान पंचायत स्तर पर लगाए गए शिविरों में करीब 46 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 15 लाख आवेदनों की अपलोडिंग पूरी हो चुकी है। उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शेष सभी आवेदनों का अपलोडिंग कार्य 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरा किया जाए। उन्होंने समीक्षा बैठक में कहा कि जमीन से जुड़े लोगों के मामलों को लंबित रखना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जनवरी से मार्च तक निपटेंगे जमीन विवाद
मंत्री सिन्हा ने घोषणा की कि जनवरी से मार्च 2026 के बीच राज्य के सभी पंचायतों में विशेष शिविर लगाए जाएंगे, जहां रैयतों के भूमि संबंधित विवादों का ऑन-द-स्पॉट समाधान किया जाएगा। बिहार में अब भी लाखों जमीनें पुरखों के नाम पर दर्ज हैं, जिसके कारण उत्तराधिकार, खाता विभाजन और हस्तांतरण से जुड़े झगड़े आम हैं। इन समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए विभाग नए सर्वेक्षण, डिजिटलीकरण और राजस्व महाअभियान के तहत तेजी से निष्पादन कर रहा है।
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