मुंबई, 15 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्ची चीनी (Raw Sugar) की कीमतें मंगलवार को तीन हफ्ते के निचले स्तर से रिकवर हुईं। इसका मुख्य कारण रहा डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और ट्रेडर्स द्वारा की गई शॉर्ट कवरिंग, जिससे चीनी की कीमतों को सहारा मिला।
डॉलर में नरमी से कमोडिटी मार्केट को राहत
डॉलर में कमजोरी से आमतौर पर कमोडिटी बाजार को समर्थन मिलता है, क्योंकि इससे गैर-अमेरिकी खरीदारों के लिए कीमतें सस्ती हो जाती हैं। इस बार भी यही देखने को मिला जब ICE (Intercontinental Exchange) पर मार्च डिलीवरी रॉ शुगर वायदा में लगभग 1.2% की बढ़त दर्ज की गई।
बीते कुछ सत्रों से कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही थी, जो प्रमुख उत्पादक देशों – ब्राजील और थाईलैंड – से अच्छी सप्लाई के संकेतों के चलते हुई थी। लेकिन अब बाजार में संतुलन की उम्मीद जताई जा रही है।
शॉर्ट कवरिंग ने दी तकनीकी मजबूती
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि जब कीमतें तकनीकी सपोर्ट लेवल के पास पहुंचती हैं, तो ट्रेडर्स अपने शॉर्ट पोजिशन को कवर करते हैं। यही वजह रही कि रॉ शुगर 3 हफ्ते के लो से उबर सका।
ट्रेडिंग फर्मों का मानना है कि अगर डॉलर कमजोर बना रहता है और ब्राजील की लॉजिस्टिक चुनौतियां बनी रहती हैं, तो निकट भविष्य में चीनी कीमतों में और तेजी संभव है।
भारत और ब्राजील से सप्लाई पर नजर
भारत में चीनी उत्पादन पर इस बार मानसून की अनियमितता और एथेनॉल पॉलिसी के प्रभाव के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वहीं, ब्राजील में हालिया निर्यात बढ़ा है, लेकिन बंदरगाहों की भीड़ और ट्रांसपोर्ट व्यवस्था की दिक्कतें बाजार की चाल को प्रभावित कर सकती हैं।
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