पटना, 4 दिसंबर, 2025 (कृषि भूमि डेस्क): बिहार स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University), पूसा में हाल ही में ज्ञान और आत्मीयता का एक अनूठा संगम देखने को मिला। यहाँ एक ओर जहाँ स्नातकोत्तर छात्रों ने अपने शोध की प्रस्तुति दी, वहीं दूसरी ओर पूर्ववर्ती छात्रों (Alumni) के सम्मेलन ने पुरानी यादों को ताज़ा किया।

स्नातकोत्तर छात्र संगोष्ठी 

विश्वविद्यालय में आयोजित स्नातकोत्तर छात्र संगोष्ठी के दूसरे दिन, छात्रों के शोध कार्य ने सभी को प्रभावित किया। इस संगोष्ठी में विभिन्न कॉलेजों के लगभग तीन सौ से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति दी गई। शोध प्रस्तुति के लिए विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में एक साथ कई तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। इन सत्रों में छात्रों ने कृषि विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए अपने नवीन शोधों को साझा किया। सभी तकनीकी सत्रों में शोध प्रस्तुति में प्रथम स्थान पाने वाले छात्रों को सर्टिफिकेट, मेडल और पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा, जो उन्हें आगे शोध कार्य के लिए प्रोत्साहित करेगा।

पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन

शोध संगोष्ठी के साथ ही, पूर्ववर्ती छात्रों के सम्मेलन के दूसरे दिन ने विश्वविद्यालय और उसके पुराने छात्रों के बीच के रिश्ते को और मजबूत किया।

  • परिसर का भ्रमण: पूर्ववर्ती छात्रों और उनके परिजनों को विश्वविद्यालय के विभिन्न संस्थानों और विभागों का विस्तृत दर्शन कराया गया, जिससे उन्हें विश्वविद्यालय में हो रहे वर्तमान विकास और कार्यों की जानकारी मिली।

  • मिथिला के व्यंजन: पूर्ववर्ती छात्रों के लिए विशेष रूप से मिथिला के पारंपरिक व्यंजन तैयार किए गए थे। नाश्ते में खास तौर पर मरीचा धान के चूड़ा और दही की व्यवस्था की गई थी, जिसने उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ दिया।

  • सांस्कृतिक संध्या: पूर्ववर्ती छात्रों के सम्मान में, विश्वविद्यालय के वर्तमान छात्रों ने एक शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें विभिन्न राज्यों के गीत एवं नृत्य प्रस्तुत किए गए, जिससे परिसर में विविधता और उल्लास का माहौल बन गया।

पूर्ववर्ती छात्रों ने सराही व्यवस्था, जताया भरोसा

सम्मेलन में शामिल हुए पूर्ववर्ती छात्रों ने विश्वविद्यालय में की गई व्यवस्थाओं की जमकर तारीफ की और भविष्य के लिए आशा व्यक्त की। पूर्ववर्ती छात्र सुबोध कुमार ने कहा कि वे विश्वविद्यालय में आकर धन्य महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कुलपति डॉ. पी. एस. पांडेय द्वारा रहने, भोजन और भ्रमण के लिए की गई बेहतरीन व्यवस्था को सराहनीय बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में देश और दुनिया में एक नया मुकाम हासिल करेगा। उन्होंने शिक्षकों, वैज्ञानिकों, पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों से कुलपति का सहयोग करने का आग्रह किया, क्योंकि “यदि विश्वविद्यालय का विकास होगा तो उन सबका विकास होगा।

एक अन्य पूर्ववर्ती छात्र डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि कुलपति डॉ. पांडेय के पास विश्वविद्यालय के विकास को लेकर एक पूरा प्लान है। उन्होंने कहा कि अगर सभी का सहयोग मिलता है, तो आने वाले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर सकता है।

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