उत्तर प्रदेश में इन दिनों किसानों ने तिलहन की फसल बोई है। खेतों में मौसम बदलने की स्थिति में कीटों से फसलों को नुकसान होने का खतरा बढ़ जाता है, जिस पर बांदा के कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। कृषि विभाग ने निर्देश जारी कर तापमान में बदलाव होने पर कृषि विभाग की एडवाइजरी जारी कर दी है। रस, अलसी में महू कीट के प्रकोप की संभावना रहती है। इसके लिए किसान नियमित रूप से खेतों की निगरानी करें ताकि उनकी फसल खराब न हो सके। तिलहन फसलों में महू कीट के नियंत्रण के लिए एमिडाक्लोराइड 17.8% एसएल और क्लोरपायरीफॉस 20% का छिड़काव करें। उक्त रसायन की मात्रा 500 से 600 मिलीलीटर प्रति एकड़ 250-300 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। आगे बताया गया कि उक्त रसायनों की खरीद में डीबीटी के माध्यम से उन्हें 50% की छूट भी दी जाएगी, जो सीधे उनके खाते में जाएगी।
लाभ कैसे प्राप्त करें
कृषि विभाग ने किसानों से कहा है कि महू कीट नियंत्रण के लिए समय रहते रसायनों का प्रयोग कर अधिक से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। किसान सरकार की सब्सिडी योजना का लाभ उठा सकते हैं। आधार कार्ड, बैंक पासबुक और खतौनी की कॉपी जरूर लें। इसमें किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जिला कृषि संरक्षण अधिकारी, बांदा और अपने प्रखंड में स्थित कृषि रक्षा इकाई के प्रभारियों को सूचित करें।
48 घंटे में हो जाएगा समाधान
कृषि अधिकारी ने कहा है कि यदि किसानों को इनमें से किसी कीट/रोग की कोई भी संभावना दिखाई दे तो तुरंत कृषि विभाग के स्टाफ/अधिकारी से संपर्क करें और तुरंत कीट/कीट/रोग से संपर्क करें। रोग का निदान करके अपनी फसल की रक्षा करें। किसान अपनी फसलों में कीटों/कीटों की कटाई कर सकते हैं। रोग की समस्या के निदान के लिए आप कृषि विभाग में अपना पंजीकरण नम्बर या अपना नाम, गांव का नाम, विकासखण्ड, जिला का नाम लिखकर तथा 9452247111 को एसएमएस/व्हाट्सएप भेजकर 48 घंटे में समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
क्या है महू कीट
हरे-काले पतंगे कीड़े झुंड में रहते हैं।
इस कीट का आक्रमण फूल आने के समय अधिक होता है और कोमल भागों का रस चूसकर ये नुकसान पहुंचाते हैं।
रस चूसने से पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और पराग भी गिर जाता है।
नियंत्रण के लिए क्या करें
मिथाइल डिमेटोन 25 ई. सी. या डाइमेथोएट 30 ई. सी. 1 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग तब किया जाना चाहिए जब कीटों की संख्या आर्थिक सीमा को पार कर जाए।
शुरुआती अवस्था में मोनोक्रोटोफॉस का छिड़काव फायदेमंद होता है।