नई दिल्ली, 12 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): नई तूर (अरहर) फसल की आवक शुरू होते ही देश भर के प्रमुख मंडियों में कीमतों में दबाव बढ़ गया है। सस्ते आयात, घरेलू मांग की कमी और गुणवत्ता समस्याओं के कारण कर्नाटक और महाराष्ट्र में तूर के भाव MSP ₹8,000 प्रति क्विंटल से काफी नीचे चल रहे हैं। बाजार में नई फसल ₹6,700 से ₹7,700 प्रति क्विंटल बिक रही है।
बुधवार को कृषि मंत्रालय ने कर्नाटक में मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत 2025–26 सीजन के लिए 9.67 लाख टन तूर खरीद की मंजूरी दी। यह खरीद 90 दिनों की अवधि में की जाएगी, ताकि किसानों को MSP से नीचे फसल बेचने के लिए मजबूर न होना पड़े।
कम उत्पादन और गुणवत्ता की चुनौतियाँ
एक्सपर्ट्स ने बताया, नई आवक बढ़ने लगी है, लेकिन मौसम के असर से कई जगह तूर की क्वालिटी प्रभावित हुई है। मंत्रालय की प्रथम अग्रिम अनुमान रिपोर्ट बताती है कि इस वर्ष उत्पादन 35.97 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के 36.24 लाख टन से थोड़ा कम है। उत्पादन में मामूली गिरावट और गुणवत्ता के मुद्दों ने बाजार धारणा कमजोर की हुई है।
मांग कमजोर, पोंगल से पहले बढ़ोतरी की उम्मीद
सोलापुर के एक दाल व्यापारी का कहना है कि फिलहाल मांग कमजोर है। दक्षिण भारत से पोंगल त्योहार से पहले, यानी 20–25 दिसंबर के बीच, थोड़ी खरीद बढ़ सकती है। हालांकि सस्ते आयातित तूर के कारण घरेलू कीमतों पर दबाव बना रहेगा।
अफ्रीकी तूर ₹4,900–₹5,500 प्रति क्विंटल पर बिक रहा है, जबकि भारतीय नई फसल उससे कहीं ऊपर, ₹6,700-₹7,700 के दायरे में बिक रही है। पिछले वर्ष इसी समय किसानों को तूर के दाम लगभग ₹10,000 प्रति क्विंटल मिल रहे थे, जो इस साल की कमजोरी को और स्पष्ट करते हैं।
कारोबारी के मुताबिक, बाजार पर दबाव इसलिए भी है क्योंकि अफ्रीका से 8 लाख टन, और म्यांमार से 3–4 लाख टन तूर आयात होने की संभावना है। घरेलू स्टॉक भी पर्याप्त है, जिससे निकट भविष्य में तेज़ी की संभावनाएँ सीमित हैं।
आयात नीति और आंकड़े
अप्रैल–सितंबर 2024 के दौरान देश में तूर आयात 3.97 लाख टन रहा, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 5.53 लाख टन था। वित्त वर्ष 2024–25 में कुल 12.23 लाख टन तूर आयात किया गया था। अपनी कीमतों को स्थिर रखने के लिए सरकार ने तूर आयात पर 31 मार्च 2026 तक शुल्क-मुक्त व्यवस्था को जारी रखा है। इससे घरेलू बाजार में विदेशी तूर की बढ़ी हुई उपलब्धता कीमतों पर दबाव बनाए रखती है।
बारिश से फसल को नुकसान, बाजार पर असर
कर्नाटक के कालीबुर्गी और आसपास के क्षेत्रों में हाल की भारी बारिश से तूर की फसल को नुकसान हुआ है। दाना भरा नहीं है और कई स्थानों पर फूल आने का चरण भी प्रभावित हुआ है। इससे दक्षिण और मध्य कर्नाटक से आने वाली नई तूर की गुणवत्ता पर असर पड़ा है।
राज्य के विजयपुरा, बीजापुर, बागलकोट, यदगिर और बीदर जिलों से आवक तेज हुई है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों के लगातार नुकसान के कारण दाल व्यापारियों में नया स्टॉक भरने की उत्सुकता कम है। इस वजह से नई फसल आने के बावजूद भावों पर अतिरिक्त दबाव बन सकता है।
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