कृषि भूमि ब्यूरो: हर साल 23 नवंबर को ‘नेशनल काजू डे’ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य काजू के उत्पादन, प्रसंस्करण, पोषण और इसके आर्थिक महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। भारत दुनिया के प्रमुख काजू उत्पादक देशों में शामिल है और गोवा, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, ओडिशा और आंध्र प्रदेश काजू उत्पादन के बड़े केंद्र हैं।

नेशनल काजू डे के अवसर पर देशभर में काजू उद्योग, किसान संगठनों, प्रोसेसिंग यूनिट्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस ‘नट किंग’ के महत्व पर जोर दिया।

भारत में काजू का आर्थिक महत्व

भारत काजू उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात के मामले में विश्व के शीर्ष देशों में है। काजू उद्योग में लाखों लोगों को रोजगार मिलता है—विशेषकर महिलाओं को, जो प्रोसेसिंग यूनिट्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

काजू के कच्चे दाने—जिन्हें काजू नट कहा जाता है—की प्रोसेसिंग में भुन्नाई, पॉलिशिंग, ग्रेडिंग और पैकेजिंग जैसे कई चरण शामिल होते हैं। भारत में काजू निर्यात का बड़ा बाजार अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व है।

काजू की कीमतें: क्यों बढ़ जाती हैं महंगी?

भारत में काजू की कीमतें ग्रेड और गुणवत्ता के आधार पर तय होती हैं। फेस्टिव सीजन में मांग बढ़ने के कारण कीमतें अक्सर बढ़ जाती हैं।

काजू के प्रमुख ग्रेड इस प्रकार हैं:

  • W180 (सुपर प्रीमियम)
  • W210 (प्रीमियम काजू)
  • W240 (स्टैंडर्ड ग्रेड)
  • W320 (सबसे अधिक बिकने वाला ग्रेड)

भारत में काजू की औसत खुदरा कीमत 700 से 1400 रुपये प्रति किलो तक जाती है, जबकि प्रीमियम ग्रेड इससे कहीं अधिक महंगे होते हैं।

सेहत के लिए क्यों फायदेमंद है काजू?

विशेषज्ञों के अनुसार काजू सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर भी है। इसमें कई ऐसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो शरीर को ऊर्जा, शक्ति और पोषण देते हैं।

काजू के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ

  • दिल को स्वस्थ रखता है — इसमें मौजूद हेल्दी फैट हृदय के लिए अच्छे माने जाते हैं।
  • हड्डियों को मजबूत बनाता है — काजू मैग्नीशियम और कैल्शियम का स्रोत है।
  • रक्ताल्पता से बचाव — आयरन की अच्छी मात्रा शरीर को एनीमिया से बचाती है।
  • वजन बढ़ाने में सहायक — हाई-कैलोरी होने के कारण यह बॉडी गेनर्स के लिए फायदेमंद है।
  • त्वचा और बालों के लिए बेस्ट — इसमें विटामिन E और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।

काजू उद्योग में बढ़ते अवसर

सरकार की कई योजनाओं और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) की वजह से काजू उत्पादन में आधुनिकता तेजी से बढ़ रही है। ड्रिप इरिगेशन, हाई-डेंसिटी प्लांटेशन और वेरायटी सुधार के कारण उत्पादन बढ़ा है और किसान बेहतर आय प्राप्त कर रहे हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि भारत को काजू उद्योग में और मजबूत बनने के लिए प्रोसेसिंग सुविधाओं का विस्तार, किसानों को आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराना और निर्यात क्षमता बढ़ाना जरूरी है। नेशनल काजू डे का उद्देश्य भी यही है—कि काजू को देश के प्रमुख कृषि उत्पादों में शीर्ष स्थान मिले।

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