मुंबई, 11 सितम्बर (कृषि भूमि ब्यूरो):
मुंबई में पिछले कुछ दिनों से मानसून की रफ्तार थमी हुई थी। बीते दो दिनों में केवल हल्की बूंदाबांदी हुई, जिससे नागरिकों को उमस और गर्मी का सामना करना पड़ा। लेकिन अब मौसम विभाग और निजी पूर्वानुमान एजेंसियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में बन रहा सिस्टम एक बार फिर बारिश को तेज कर देगा।
बरसात की कमी
1 से 10 सितम्बर 2025 के बीच मुंबई (सांताक्रूज़) में केवल 118.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई| जबकि सामान्य औसत 341.4 मिमी है। अब तक की बारिश सामान्य से करीब 65% कम रही है।
सितंबर में अब तक नहीं चूका मानसून
पिछले छह सालों से सितंबर महीने में मानसून ने मुंबई का साथ नहीं छोड़ा है। 2019 में तो अब तक की सर्वाधिक 1115.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। इस बार भी मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दिनों की तेज बरसात कुल वर्षा को औसत स्तर के करीब ले जाएगी।
बंगाल की खाड़ी से नया सिस्टम
उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर बना चक्रवाती परिसंचरण अब ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय हिस्सों तक पहुँच गया है। इसके प्रभाव से 12 सितम्बर को आंध्र तट के पास एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) विकसित होगा। यह सिस्टम आगे बढ़कर तेलंगाना, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और महाराष्ट्र तक असर डालेगा।
मुंबई में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 13 से 15 सितम्बर के बीच मुंबई और आसपास के इलाकों में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। यह बरसाती दौर 15 से 20 सितम्बर तक भी खिंच सकता है, खासकर कोंकण और गोवा तट पर।
क्यों रुकती है मुंबई की बारिश?
मुंबई में बारिश का मुख्य आधार पश्चिमी तट के साथ सक्रिय ऑफ-शोर ट्रफ है। जब बंगाल की खाड़ी में नया मौसमी सिस्टम बनता है, तो यह पश्चिमी हवाओं को पुनर्जीवित करता है और कोंकण तट पर बरसात तेज हो जाती है।
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