भोपाल, 14 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए भावांतर योजना के तहत एक बार फिर व्यापक आर्थिक सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के 1.33 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में ₹233 करोड़ से ज्यादा राशि ट्रांसफर की है। यह कदम राज्य में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने और किसानों की आय सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भावांतर योजना का उद्देश्य किसानों को बाजार में गिरते दामों से सुरक्षा प्रदान करना है। कई बार उत्पादन लागत बढ़ जाने और बाजार भाव कम होने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को उनकी फसल की न्यूनतम कीमत और वास्तविक बाजार मूल्य के अंतर की भरपाई करती है।
इस भुगतान के बाद किसानों में राहत की भावना है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां फसल का मूल्य बाजार में अपेक्षाकृत कम रहा। इस बार योजना का सबसे अधिक लाभ सोयाबीन किसानों को मिला है, क्योंकि राज्य के कई हिस्सों में सोयाबीन उत्पादन व्यापक है।
सोयाबीन कीमतों में तेजी से किसानों को उम्मीद
ताज़ा रिपोर्टों के अनुसार, बाजार में सोयाबीन की कीमत ₹5,328 प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है। यह बढ़ता हुआ मूल्य किसानों के लिए सकारात्मक संकेत है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक डिमांड, मिलिंग उद्योग की बढ़ती जरूरतों और बेहतर फसल गुणवत्ता से दामों में तेजी आई है। सरकार द्वारा भावांतर राशि मिलने और बाजार भाव में तेजी के चलते किसानों की आय में बड़ा फर्क हो सकता है।
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार भावांतर योजना के साथ-साथ कई और कृषि-केंद्रित कार्यक्रमों पर भी सक्रिय तौर पर काम कर रही है। इनमें जैविक खेती को बढ़ावा देने की पहल शामिल है, जिसके तहत किसानों को ऑर्गेनिक उत्पादन के लिए प्रशिक्षण और प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
इसके साथ ही कृषि यंत्र वितरण योजना के माध्यम से आधुनिक कृषि उपकरणों पर सब्सिडी और तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे खेती अधिक कुशल और लाभकारी बन सके।
इसके अलावा PM FME योजना के तहत कृषि आधारित छोटे व मध्यम उद्योगों को वित्तीय, तकनीकी और प्रोसेसिंग संबंधी मदद दी जा रही है। इन सभी योजनाओं का लक्ष्य कृषि-उद्योग को मजबूत करना और किसानों की आय को बहुआयामी तरीके से बढ़ाना है।
ऐसे में, यदि आप मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसान हैं तो भावांतर योजना की पात्रता और पंजीकरण प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कर लें, ताकि सरकारी सहायता का पूरा लाभ मिल सके। जैविक खेती, कृषि यंत्र सब्सिडी या अन्य कृषि योजनाओं का लाभ लेने के लिए अपने नजदीकी कृषि कार्यालय से तुरंत संपर्क करें।
वर्तमान बाजार में सोयाबीन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, ऐसे में किसानों को बेहतर भंडारण व्यवस्था, ग्रेडिंग तकनीक और रणनीतिक बिक्री पर ध्यान देना चाहिए, जिससे उन्हें अधिकतम मुनाफा मिल सके। सरकार की आर्थिक सहायता और बाजार में बढ़ते दाम के चलते इस वर्ष किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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