मुंबई, 11 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): देश की प्रमुख मसाला मंडियों में मिर्च के भाव आठ महीने के उच्चतम स्तर पर स्थिर बने हुए हैं। खासतौर पर वारंगल (तेलंगाना) मंडी में इस हफ्ते तेज़ी का रुख जारी है, जबकि अन्य प्रमुख बाजारों — गोंटी, खम्मम, गुंटूर और कर्नाटक — में भाव स्थिर दिखाई दे रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार, निर्यात मांग में हल्की सुधार, सीमित स्टॉक और किसानों की नई फसल की देरी ने दामों को ऊँचाई पर टिकाए रखा है।
प्रमुख मंडियों में मिर्च के भाव
| मंडी/राज्य | मिर्च का प्रकार | वर्तमान भाव (₹/क्विंटल) | पिछला सप्ताह (₹/क्विंटल) | स्थिति |
|---|---|---|---|---|
| वारंगल (तेलंगाना) | तेज मिर्च (Teja) | 21,000–23,000 | 20,000–21,500 | 🔼 तेज़ी जारी |
| गुंटूर (आंध्र) | 334 किस्म | 19,500–20,500 | 19,200–20,000 | स्थिर |
| खम्मम (तेलंगाना) | 273 किस्म | 18,500–19,000 | 18,400–18,800 | स्थिर |
| बायाडा (कर्नाटक) | मिश्रित किस्म | 17,800–18,200 | 17,700–18,000 | हल्की बढ़त |
| कोल्हापुर (महाराष्ट्र) | लाल मिर्च (देसी) | 19,000–19,800 | 19,000 | स्थिर |
मिर्च के बाजार में फिलहाल मांग और आपूर्ति का असंतुलन देखने को मिल रहा है। दक्षिण भारत के प्रमुख उत्पादक इलाकों में नई फसल की आवक सीमित है, जबकि निर्यात और घरेलू मांग में सुधार देखा जा रहा है। थाईलैंड, श्रीलंका, वियतनाम और बांग्लादेश जैसे देशों से मिले हल्के निर्यात ऑर्डर ने बाजार को सहारा दिया है। दूसरी ओर, पुराने स्टॉक की कमी ने आपूर्ति पक्ष पर दबाव बढ़ाया है।
मौसम का भी बाजार पर असर पड़ा है ।हाल की बारिश में देरी के कारण कई क्षेत्रों में मिर्च की तुड़ाई पीछे खिसक गई, जिससे मंडियों में आवक कम रही। इस बीच, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और मसाला कंपनियाँ जैसे MDH, Everest, ITC आदि ने त्योहारों के बाद स्टॉक पुनः भरना शुरू कर दिया है। इस खरीदारी ने बाजार को मजबूती दी है और कीमतें आठ महीने के उच्च स्तर पर स्थिर बनी हुई हैं।
वारंगल के एक व्यापारी ने बताया, वर्तमान में बाजार में पुराना स्टॉक बहुत कम बचा है। यदि निर्यात मांग और बढ़ी, तो मिर्च की कीमतें ₹24,000 प्रति क्विंटल तक पहुंच सकती हैं। गुंटूर मंडी सूत्रों ने बताया कि अगले दो से तीन हफ्तों में नई फसल आने से थोड़ी नरमी संभव है, लेकिन फिलहाल बाजार ऊँचाई पर स्थिर है।
किसानों के लिए यह समय अनुकूल माना जा रहा है। जिन्होंने पुराना स्टॉक रोके रखा है, उन्हें अभी बिक्री पर बेहतर मूल्य मिलने की संभावना है। हालांकि, नई फसल की बुवाई के लिए मौसम और मिट्टी की नमी पर नज़र रखना आवश्यक होगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले महीने में कीमतों में ₹500–₹700 प्रति क्विंटल की सीमित गिरावट देखी जा सकती है, लेकिन समग्र रुझान अब भी मजबूत बना रहेगा।
कुल मिलाकर, वारंगल और दक्षिण भारत की मंडियों में मिर्च का बाजार अभी भी मजबूत और स्थिर स्थिति में है। सीमित आपूर्ति और निर्यात मांग में सुधार से भाव आठ महीने के उच्च स्तर पर टिके हुए हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर दिसंबर तक निर्यात की गति बनी रही, तो मिर्च के दामों में 5–7% तक और बढ़ोतरी संभव है।
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