विदेश की नौकरी छोड़ खेती से करोड़ो की कमाई कर रहा किसान

भारत देश में आधे से भी अधिक लोग खेती करते है, देश की 70 प्रतिशत आबादी अपना पेट खेती से भरती है। हालांकि आज भी भारत में खेती को एक लो प्रोफाइल जॉब के रूप में देखा जाता है। लेकिन, सालों से चली आ रही इस धारणा को तोड़ा है राजस्थान के सिरोही जिले के निवासी नवदीप गोलेच्छा ने। नवदीप पढाई में अच्छे थे ऐसे में उनकी नौकरी बैंक ऑफ़ स्कॉटलैंड में लग गयी। हालांकि साल 2013 में वे भारत वापस आये और खेती करने लगे और आज नवदीप इससे करोड़ो की कमाई कर रहे हैं।

विदेश की नौकरी छोड़ खेती को बनाया अपना पेशा:
राजस्थान में रहने वाले नवदीप गोलेच्छा ने 2011 में इंग्लैंड में बैंक की नौकरी छोड़कर किसान बनने का निर्णय लिया। उन्होंने इंग्लैंड से वित्तीय अर्थशास्त्र में एमएससी की पढ़ाई की थी। उन्होंने एक इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर काम शुरू किया। इस दौरान उनके परिवार वाले उनपर  वापस देश आने का दबाव बनाने लगे। नवदीप ने साल 2013 में अपनी नौकरी छोड़ी और भारत वापस आ गए। जहाँ उनका मन खेती करने की ओर बढ़ा। उन्होंने अपने गांव में 40 एकड़ जमीन पर खेती करने का निर्णय लिया। जिसमें उनके परिवार में किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया था।

लोगो से अलग हटकर करना था काम:
नवदीप की खेती का उत्साह उनकी कोई डिग्री नहीं थी। लेकिन उनका जुनून और सपना था। नवदीप अपने खेत में 3 साल से खेती कर रहें हैं।आज, वे हर साल अनार, पपीता और नींबू की बागवानी में लगभग 25 लाख रुपये खर्च करने के बाद 1.25 करोड़ तक का मुनाफा आराम से कमा लेते हैं।

विदेश में पढाई और नौकरी छोड़कर खेती करना आसान नहीं था। हर कोई उनके फैसले का मजाक बनता था। 26 साल के नवदीप के परिवार में कोई भी कृषि से नहीं जुड़ा था। लेकिन उनका खुद का मन खेती में था। वे कहते हैं कि जब वे खेती करने के बारे में सोच रहे थे, तो हर कोई उन्हें मजाक उड़ाता था।

रेगिस्तान में खेती से मिल रही ज़बरदस्त पैदावार:
युवा किसान नवदीप ने बताया कि सिरोही में 40 एकड़ ज़मीन ली। साल 2016 में 30 एकड़ में अनार और 3 एकड़ में पपीता लगाया। उन्होंने बताया कि इस निर्णय का लोगों ने मजाक भी बनाया लेकिन वे अपने खेती के काम में लग गए। उन्होंने बताया कि एक एकड़ में अनार के 400 पौधे और पपीते के 1000 पौधे लगवाए। उनको पहले साल में पपीते के एक पौधे से 80 किलो फल और दूसरे साल से अनार के फल मिलने लगे। साल 2019 में कागजी नींबू के 10 एकड़ में बाग लगाए और एक में 125 पौधे लगवाए। उन्होंने तीन एकड़ में सीताफल लगाया है जिसमें फल आना बाकी है।

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