मुंबई, 09 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): इराक द्वारा दुनिया के बड़े ऑयलफील्ड्स में शामिल लुकोइल के वेस्ट कुर्ना-2 में प्रोडक्शन दोबारा शुरू किए जाने के बाद सोमवार के सेशन में कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव दिखा। दोनों प्रमुख बेंचमार्क – ब्रेंट और WTI में 2% तक की गिरावट आई, क्योंकि इराक की सप्लाई लौटने से ग्लोबल मार्केट में अतिरिक्त तेल उपलब्ध होने की उम्मीद बढ़ी।
इराक ग्लोबल ऑयल सप्लाई का करीब 0.5% हिस्सा देता है और उसकी हलचल कीमतों पर तुरंत प्रभाव डालती है।
ब्रेंट क्रूड आज मामूली गिरावट के साथ $62.47 प्रति बैरल, जबकि WTI 4 सेंट नीचे फिसलकर $58.84 प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है।
फेड मीटिंग: ब्याज दर कट की 84% संभावना, बाजार में सतर्कता
LSEG डेटा के अनुसार, मार्केट बुधवार को होने वाली फेडरल रिज़र्व की बैठक में 0.25% ब्याज दर कटौती की 84% संभावना को प्राइस कर रहा है। लेकिन बोर्ड मेंबरों के हालिया बयान यह संकेत देते हैं कि यह बैठक कई वर्षों की सबसे मतभेद वाली मीटिंगों में से एक हो सकती है।
ट्रेडर्स की नजरें सिर्फ रेट कट पर नहीं, बल्कि फेड की पॉलिसी डायरेक्शन, महंगाई की भाषा और इंटरनल डिवीज़न पर भी टिकी रहेंगी।
यूक्रेन शांति वार्ता धीमी, लेकिन हर नई प्रगति कीमतों को हिला सकती है
यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता धीमी बनी हुई है। सुरक्षा गारंटी और कब्जे वाले इलाकों के स्टेटस पर सहमति नहीं बन सकी है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शांति समझौते के लिए दबाव बढ़ा रहे हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की लंदन में यूरोपीय नेताओं से मुलाकात भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ANZ के अनुसार, शांति समझौता होने की दिशा में हर कदम से तेल सप्लाई में रोज़ाना 2 मिलियन बैरल से अधिक का उतार-चढ़ाव आ सकता है।
रूस पर नए प्रतिबंध की तैयारी- सप्लाई और घट सकती है
सूत्रों के अनुसार, G7 और यूरोपियन यूनियन रूस के तेल निर्यात पर प्राइस कैप हटाकर पूर्ण समुद्री सेवाओं के बैन पर विचार कर रहे हैं।
अगर यह लागू होता है तो दुनिया के दूसरे सबसे बड़े तेल प्रोड्यूसर से सप्लाई और कम हो सकती है, जिससे तेल की कीमतें फिर चढ़ सकती हैं।
इसी बीच अमेरिका ने वेनेज़ुएला पर भी दबाव बढ़ा दिया है—जहां कथित ड्रग-स्मगलिंग में शामिल जहाजों पर कार्रवाई की गई है और 대통령 मादुरो को हटाने के लिए भी सैन्य हस्तक्षेप की धमकी दी गई है।
चीन की रिफाइनरीज़ ने ईरानी तेल की खरीद बढ़ाई
ट्रेडर्स के अनुसार, चीन की इंडिपेंडेंट रिफाइनर कंपनियों (“टीपॉट रिफाइनरीज़”) ने अपने नए इंपोर्ट कोटा का उपयोग करते हुए बैन किए गए ईरानी तेल की खरीद बढ़ा दी है।
इससे ऑनशोर स्टोरेज में रखे हाई-डिस्काउंट ऑयल की निकासी तेज हो गई है, जो ग्लोबल सप्लाई की दिशा को प्रभावित कर सकती है।
यूएस ऑयल इन्वेंटरी: स्टॉक घटने की उम्मीद
प्रारंभिक रॉयटर्स पोल के अनुसार, पिछले हफ्ते U.S. क्रूड स्टॉक में गिरावट, जबकि डिस्टिलेट और गैसोलीन इन्वेंटरी में हल्की बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है।
इन्वेंटरी में गिरावट आमतौर पर कीमतों को सपोर्ट देती है, जिससे शॉर्ट-टर्म में वोलैटिलिटी और बढ़ सकती है।
ऑयल मार्केट के लिए आगे क्या?
- शांति वार्ता में कोई भी सकारात्मक संकेत → कीमतें नीचे
- रूस पर नए प्रतिबंध या इन्फ्रास्ट्रक्चर नुकसान → कीमतें ऊपर
- फेड रेट कट → डॉलर कमजोर, तेल को सपोर्ट
- ग्लोबल सप्लाई सरप्लस → कीमतों पर दबाव
वर्तमान में बाजार एक ऐसी स्थिति में है जहां प्रत्येक जियोपॉलिटिकल अपडेट कीमतों को दिशा दे रहा है। सप्लाई के नए आंकड़े और फेड की घोषणा आते ही तेल की कीमतों में तेज हलचल की संभावना है।
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