भोपाल, 4 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): मध्य प्रदेश सरकार ने बाढ़, अतिवृष्टि और फसलों में पीला मोजेक रोग के कारण हुए नुकसान के लिए राज्य के 13 जिलों के 8.84 लाख किसानों को 653.34 करोड़ रुपये की राहत राशि सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से वर्चुअल कार्यक्रम में वितरित की।
फसल क्षति पर दोहरी राहत राशि:
- अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित 3.90 लाख किसानों को 331.34 करोड़ रुपये।
- पीला मोजेक व कीट रोग से प्रभावित 4.94 लाख किसानों को 322 करोड़ रुपये।
मुख्यमंत्री ने कहा, “किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौटाना हमारी प्राथमिकता है। सरकार हर आपदा में किसानों के साथ खड़ी है।”
भावांतर योजना की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि धान उत्पादक 6.69 लाख किसानों को 337 करोड़ रुपये दिए गए हैं। वहीं सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर भुगतान योजना शुरू की गई है, जिसके तहत एमएसपी (MSP) और बाजार मूल्य के अंतर की राशि 15 दिन में खाते में भेजी जाएगी।
इस साल सोयाबीन की MSP ₹5328 तय की गई है, जो ₹500 की बढ़ोत्तरी है।
राहत पाने वाले जिले: रतलाम, नीमच, मंदसौर, उज्जैन, विदिशा, बुरहानपुर, शहडोल, खंडवा, बड़वानी, दमोह, अलीराजपुर सहित अन्य जिलों के किसानों को यह मुआवजा मिला है। इनमें धान, मक्का, सोयाबीन और केला उत्पादक शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वर्ष 2025-26 में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को कुल 229.45 करोड़ रुपये की सहायता राशि पहले ही दी जा चुकी है। इसके अलावा गत माह 6 सितंबर को 11 जिलों के 17 हजार से अधिक किसानों को 20 करोड़ रुपये से अधिक की राहत राशि जारी की गई थी। प्रदेश में पहली बार सोयाबीन में पीला मोजेक रोग से प्रभावित किसानों को राहत राशि दी जा रही है।
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