मुंबई, 15 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): कपास उत्पादन एवं उपयोग समिति (सीसीपीसी) ने 2025-26 के मौजूदा मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर–सितंबर) के लिए कपास के उत्पादन, आयात और निर्यात के अनुमानों में कटौती की है। समिति का आकलन है कि 2024-25 की तुलना में आगामी सीजन में रूई की उपलब्धता कमजोर रह सकती है, हालांकि घरेलू खपत स्थिर बनी रहने की संभावना है।
सीसीपीसी के अनुसार, 2025-26 में देश में कपास का उत्पादन घटकर 292.15 लाख गांठ (प्रत्येक गांठ 170 किलो) रहने का अनुमान है, जबकि 2024-25 में यह 297.24 लाख गांठ रहा था। यह अनुमान केंद्रीय कृषि मंत्रालय के प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुरूप बताया गया है।
उत्पादन, आयात और निर्यात: तुलनात्मक तस्वीर
(इकाई: लाख गांठ, प्रत्येक गांठ 170 किग्रा)
| मद | 2024-25 | 2025-26 (अनुमान) | बदलाव |
|---|---|---|---|
| उत्पादन | 297.24 | 292.15 | ▼ 5.09 |
| आयात | 41.40 | 40.00 | ▼ 1.40 |
| निर्यात | 18.00 | 15.00 | ▼ 3.00 |
| कुल उपलब्धता | 386.11 | 377.65 | ▼ 8.46 |
| सीजन अंत स्टॉक* | 45.50 | 40.65 | ▼ 4.85 |
*सीजन अंत स्टॉक: 30 सितंबर की स्थिति
आयात पर मतभेद
जहां सीसीपीसी ने 2025-26 में आयात 40 लाख गांठ रहने का अनुमान जताया है, वहीं कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) ने इसके उलट आयात बढ़कर 50 लाख गांठ तक पहुंचने की संभावना जताई है। इससे संकेत मिलता है कि बाजार में आगे आयात को लेकर अनिश्चितता बनी रह सकती है।
घरेलू खपत स्थिर
समिति के मुताबिक, 2025-26 में बड़ी टेक्सटाइल मिलों में रूई की खपत 213 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जो पिछले सीजन के लगभग बराबर है। गैर-मिल खपत के अनुमानों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
स्टॉक में लगातार गिरावट
सीसीपीसी के आंकड़ों के अनुसार,
- 30 सितंबर 2024 को स्टॉक: 47.47 लाख गांठ
- 30 सितंबर 2025 को स्टॉक: 45.50 लाख गांठ
- 30 सितंबर 2026 (अनुमान): 40.65 लाख गांठ
यह दर्शाता है कि उत्पादन और आयात में गिरावट के चलते बकाया स्टॉक लगातार घट रहा है।
कुल मिलाकर, कॉटन पैनल का यह अपडेट बताता है कि 2025-26 में कपास बाजार में आपूर्ति पक्ष कुछ कमजोर, जबकि घरेलू मांग स्थिर रह सकती है, जो आने वाले महीनों में कीमतों और आयात रणनीति को प्रभावित कर सकता है।
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