प्याज और टमाटर के बाद अब लहसुन ने बिगाड़ा बजट, कीमत हुई 250 रुपये प्रति किलो पार

आम लोगों को प्याज टमाटर के बाद अब लहसुन ने आम लोगों के किचन का बजट बिगाड़ दिया है। खुदरा बाजार में लहसुन 250 से 300 रुपये किलो बिक रहा है। इससे आम जनता का बजट बिगड़ गया है। लेकिन कीमतें बढ़ने से किसानों को काफी फायदा हो रहा है। वहीं आम लोगों का कहना है कि कीमत ज्यादा होने की वजह से वह इस साल सर्दी के मौसम में भी लहसुन नहीं खरीद पा रहे हैं. लोगों का कहना है कि 250 ग्राम लहसुन के लिए उन्हें 60 से 70 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।

पिछले साल मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों में किसानों ने बड़े रकबे में लहसुन की बुआई की थी। हालांकि, अधिक उत्पादन के कारण लहसुन की कीमत गिर गई। ऐसे में किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे में किसानों ने इस साल कम रकबे में लहसुन की बुआई की। अब लोगों को उम्मीद है कि लहसुन की नई फसल आने के बाद कीमतों में गिरावट आ सकती है।

कीमतें अपने आप बढ़ जाएंगी

लखनऊ के लहसुन कारोबारियों का कहना है कि थोक में लहसुन के दाम काफी बढ़ गए हैं। इससे खुदरा बाजार में लहसुन भी महंगा हो गया है। इस समय थोक बाजार में लहसुन 180-220 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। जबकि, पिछले साल इसी अवधि में एक किलो लहसुन का रेट 60 से 100 रुपये था। वहीं, किसानों का कहना है कि आने वाले दिनों में लहसुन के दाम और बढ़ सकते हैं. क्योंकि किसानों ने इस बार बहुत कम रकबे में लहसुन की बुआई की है. हालांकि जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, इसकी मांग भी बढ़ेगी। ऐसे में कीमतें अपने आप बढ़ जाएंगी।

प्याज के निर्यात पर बैन

बता दें कि देश में खाने-पीने की चीजों के दाम में आग लगी हुई है। लहसुन, प्याज, दाल, चीनी और गेहूं के अलावा आटा और चावल भी महंगा हो गया है। खासकर प्याज की बढ़ती कीमत ने लोगों को परेशान कर दिया है। प्याज अब 60-70 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने आज प्याज के निर्यात पर 31 करोड़ रुपये का प्रतिबंध लगा दिया है। मार्च 2024 तक प्रतिबंधित। अगले साल 31 मार्च तक देश से बाहर प्याज का निर्यात नहीं किया जाएगा।

शेयर :

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

ताज़ा न्यूज़

विज्ञापन

विशेष न्यूज़

Stay with us!

Subscribe to our newsletter and get notification to stay update.

राज्यों की सूची