Agri News: खरीफ में धान की बुवाई में 12% की वृद्धि, कपास और तिलहन की बुवाई में गिरावट

Agri News

नई दिल्ली, 12 अगस्त (कृषि भूमि डेस्क):

इस साल खरीफ सीजन के दौरान धान की बुवाई में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो पिछले साल के मुकाबले 364.80 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गई है। पिछले साल की तुलना में इस साल बुवाई क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखा गया, जहाँ पिछले वर्ष यह आंकड़ा 325.36 लाख हेक्टेयर था।

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कुल खरीफ फसलों की बुवाई क्षेत्र भी बढ़कर 995.63 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है, जबकि पिछले साल यह 957.15 लाख हेक्टेयर था। इस वृद्धि में प्रमुख योगदान धान, दालें, मोटे अनाज और गन्ने की बुवाई में देखने को मिला, जबकि तिलहन और कपास की बुवाई में कमी आई है।

धान की बुवाई में 12% का इज़ाफा

धान, जो कि खरीफ सीजन की प्रमुख फसल है, की बुवाई इस बार पिछले साल के मुकाबले 12% बढ़ी है। यह वृद्धि किसानों की बढ़ती मांग और मानसून की बेहतर स्थिति के कारण हुई है। पिछले वर्ष जहां धान की बुवाई 325.36 लाख हेक्टेयर थी, वहीं इस बार यह बढ़कर 364.80 लाख हेक्टेयर हो गई है।

दालों और मोटे अनाज में मामूली वृद्धि

दालों की बुवाई में थोड़ा सा इज़ाफा हुआ है। पिछले साल 106.52 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल दालों की बुवाई 106.68 लाख हेक्टेयर तक पहुंची है। वहीं, मोटे अनाज की बुवाई क्षेत्र 170.96 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 178.73 लाख हेक्टेयर हो गया है।

तिलहन और कपास में कमी

वहीं दूसरी तरफ तिलहन (Oilseeds) की बुवाई में गिरावट आई है। तिलहन की बुवाई क्षेत्र 182.43 लाख हेक्टेयर से घटकर 175.61 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गई है। इसी तरह कपास की बुवाई में भी कमी आई है। कपास का बुवाई क्षेत्र 110.49 लाख हेक्टेयर से घटकर 106.96 लाख हेक्टेयर हो गया है।

गन्ने की बुवाई में हल्की वृद्धि

गन्ने की बुवाई में थोड़ा इज़ाफा हुआ है। गन्ने की बुवाई 55.68 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 57.31 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो कि एक सकारात्मक संकेत है।

मानसून (Monsoon) की स्थिति और असर

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस साल मानसून की स्थिति को सामान्य से ऊपर बताया है, जिससे किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई में मदद मिली है। हालांकि, क्षेत्रवार बदलावों के कारण कुछ फसलों की बुवाई में गिरावट भी देखी गई है।

कृषि मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि इस साल की फसल उत्पादन में भी बढ़ोतरी हो सकती है, खासकर धान और मोटे अनाज के उत्पादन में। साथ ही, कृषि नीति में सुधार और बेहतर बुवाई तकनीकों से आने वाले समय में किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है।

===

हमारे लेटेस्ट अपडेट्स और खास जानकारियों के लिए अभी जुड़ें — बस इस लिंक पर क्लिक करें:
👉 https://whatsapp.com/channel/0029Vb0T9JQ29759LPXk1C45

शेयर :

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

ताज़ा न्यूज़

विज्ञापन

विशेष न्यूज़

Stay with us!

Subscribe to our newsletter and get notification to stay update.

राज्यों की सूची