आज के समय में किसानों को पारंपरिक खेती से बाहर निकलकर आधुनिक तकनीकों की ओर कदम बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। ऐसे में Polyhouse तकनीक किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो रही है। इस तकनीक के माध्यम से किसान बेहतर उत्पादकता और आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। अमेठी के किसान सुरेंद्र बहादुर सिंह ने पॉलीहाउस में खीरे की खेती करके इसका बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिससे न केवल उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ है, बल्कि उन्हें सरकारी योजना के तहत सब्सिडी का भी लाभ प्राप्त हुआ है।
सुरेंद्र सिंह ने पॉलीहाउस तकनीक अपनाने के बाद अमेठी जिले का पहला पॉलीहाउस स्थापित किया। सुरेंद्र ने बीते चार महीने पहले पॉलीहाउस का निर्माण शुरू किया, जिसमें उन्होंने खीरे के 12 हजार पौधे लगाए। वर्तमान में खीरे की तुड़ाई का काम भी जारी है और किसान हर दिन 4-5 क्विंटल खीरे का उत्पादन कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहले वे पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं और धान की खेती करते थे, लेकिन अब पॉलीहाउस की मदद से खीरे की खेती कर रहे हैं और इस प्रक्रिया में बंपर उत्पादन के साथ साथ अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं।
सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पॉलीहाउस के निर्माण में करीब 50 से 52 लाख रुपये की लागत आई है, लेकिन उन्हें सरकार की ओर से 25 लाख रुपये की सब्सिडी मिलने की उम्मीद है। एक महीने में उनके खीरे से 3-4 लाख रुपये की आमदनी हो रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है। वर्तमान में खीरे की कीमत 18 से 19 रुपये प्रति किलो है, और उनका उत्पादन अमेठी की स्थानीय मंडी और आस-पास के जिलों में बिक रहा है।
सुरेंद्र सिंह के अनुसार, पॉलीहाउस में नगदी फसलों की खेती के लिए बेहद उपयुक्त वातावरण मिलता है, जो उन्हें बेहतर उत्पादकता और कम खर्च में अधिक मुनाफा देता है। वह जैविक खेती को प्राथमिकता देते हैं और मवेशियों के गोबर से खेती करते हैं। आने वाले दिनों में वह टमाटर की खेती भी करने का विचार कर रहे हैं, क्योंकि पॉलीहाउस में अन्य सब्जियों की तरह टमाटर की भी बेहतर पैदावार हो सकती है।
सरकार ने पॉलीहाउस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना एं बनाई हैं, जिसमें किसानों को 50% तक की सब्सिडी दी जा रही है। उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग के निदेशक बीएन द्विवेदी ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य किसानों को साल भर सब्जियों और फलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके। विभाग के अनुसार, यह तकनीक किसानों को अच्छे मुनाफे की दिशा में मदद करती है।
पॉलीहाउस योजना के तहत किसानों को कई प्रकार की सब्जियों और फलों की खेती सीजन के अलावा पूरे साल करने का मौका मिलता है। यह योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वे कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकते हैं। इसके लिए किसान अपनी आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ आवेदन कर सकते हैं, जिनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी और मोबाइल नंबर शामिल हैं।
सुरेंद्र बहादुर सिंह की सफलता ने न केवल अमेठी के अन्य किसानों को प्रेरित किया है, बल्कि उनकी प्रेरणा से कई अन्य किसान भी सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपने कृषि कार्यों को बेहतर बना रहे हैं।