नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): देशभर की मंडियों में तूर दाल के दामों में हल्की नरमी दर्ज की गई है। हाल ही में तूर के भाव ऊंचे स्तर तक पहुंचने के बाद अब बाजार में प्रॉफिट बुकिंग का दौर शुरू हो गया है। जिन व्यापारियों ने ऊंचे भाव पर पहले खरीदारी की थी, वे अब मुनाफा सुरक्षित करने के लिए माल बेच रहे हैं, जिससे बाजार में दामों पर दबाव देखने को मिल रहा है।
हालांकि, यह गिरावट सीमित रही है क्योंकि कई क्षेत्रों में फसल नुकसान के संकेत मिल रहे हैं। सूखे और अनियमित बारिश के चलते तूर की पैदावार प्रभावित हुई है, जिससे कुल उत्पादन में कमी आने की संभावना है। यही वजह है कि बाजार में बड़ी गिरावट नहीं आई।
सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की संभावना ने भी भावों को सहारा दिया है। अगर बाजार भाव MSP से नीचे जाते हैं तो सरकारी खरीद शुरू हो सकती है, जिससे किसानों को नुकसान से राहत मिल सकती है। इस उम्मीद के कारण व्यापारी और किसान दोनों भावों को लेकर सतर्क रुख अपनाए हुए हैं।
फिलहाल देश की प्रमुख मंडियों में तूर दाल का औसत भाव लगभग ₹10,000 से ₹10,700 प्रति क्विंटल के बीच बना हुआ है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसी मंडियों में यही रेंज देखने को मिल रही है।
आयात नीति का भी बाजार पर असर पड़ रहा है। सरकार द्वारा कुछ महीनों पहले तूर के आयात पर सीमाएं लगाने से घरेलू कीमतों को सहारा मिला था। अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपलब्धता बढ़ने से भावों पर हल्का दबाव देखा जा रहा है, लेकिन गिरावट MSP के नीचे जाने की संभावना नहीं दिख रही।
कुलमिलाकर, तूर दाल के दामों में आई नरमी बाजार की स्वाभाविक प्रॉफिट बुकिंग का परिणाम है। फसल नुकसान और सरकारी खरीद की उम्मीदों ने कीमतों को बड़ी गिरावट से बचाए रखा है। आने वाले हफ्तों में मौसम, फसल की स्थिति और सरकार की खरीद नीति पर बाजार की दिशा निर्भर करेगी।
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