नई दिल्ली, 09 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोमवार को संकेत दिया कि उनकी सरकार भारत से आयातित चावल और कनाडा से आने वाले फर्टिलाइज़र पर नए टैरिफ लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उनका कहना है कि सस्ते विदेशी कृषि-उत्पाद अमेरिका के किसानों के लिए चुनौती बन रहे हैं और बाजार को असंतुलित कर रहे हैं।
व्हाइट हाउस में अमेरिकी किसानों के लिए 12 अरब डॉलर के सहायता पैकेज की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि भारत से आने वाले चावल पर “सावधानी बरतना” जरूरी है। उन्होंने दावा किया कि किसानों की आय गिर रही है क्योंकि भारत, थाईलैंड और वियतनाम से सस्ते दामों पर चावल अमेरिकी बाजार में आ रहा है, जिससे घरेलू कीमतों पर दबाव बढ़ा है।
ट्रंप ने कहा, “ऐसा नहीं होना चाहिए कि विदेशी चावल सस्ते दाम पर हमारे बाजार में बेचा जाए। इस पर किसानों की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं।”
कनाडाई उर्वरकों पर भी टैरिफ का संकेत
राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा से आयात होने वाले फर्टिलाइज़र पर भी सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि यदि ज़रूरत पड़ी तो वे “कड़े टैरिफ” लगाने के लिए तैयार हैं, ताकि स्थानीय उत्पादन में बढ़ोतरी हो और अमेरिकी कृषि इनपुट उद्योग को राहत मिल सके।
कनाडा के साथ पहले भी कई टैरिफ विवाद सामने आ चुके हैं, और ट्रंप प्रशासन ने NAFTA समझौते को फिर से खोलने की इच्छा भी जताई थी।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था और किसान दबाव में
ट्रंप की यह चेतावनी ऐसे दौर में आई है जब अमेरिकी कृषि सेक्टर ऊँची उत्पादन लागत, गिरती कीमतों और कठिन वैश्विक बाजार स्थितियों से जूझ रहा है। पिछले टैरिफ फैसलों का नुकसान भी किसान समुदाय महसूस कर रहा है।
भारत–अमेरिका व्यापार वार्ता पर असर
इस साल की शुरुआत में ट्रंप प्रशासन ने भारत से आयातित कुछ उत्पादों पर 50% तक टैरिफ लगाया था, आरोप लगाते हुए कि भारत रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध को फंडिंग दे रहा था।
हालांकि दोनों देशों ने बातचीत जारी रखने की कोशिश की है। 7 दिसंबर को अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचा, जहाँ रणनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर नई वार्ता शुरू हुई। अधिकारियों के अनुसार, बड़े समझौते की उम्मीद फिलहाल कम है।
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