Kiwi Fruit: अगर आप किसान हैं तो करें कीवी की खेती, हो जायेंगे मालामाल

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खेती के मामले में किसान अब और ज्यादा विकसित हो गए है। अब किसानों को नई और विकसित तकनीकों के साथ खेती करना पसंद आ रहा है। बाजार में जैसे -जैसे विदेशी सब्जी और फलों की डिमांड बढ़ रही है वैसे -वैसे किसान भी नई-नई फसलों की खेती को करना शुरू कर दिए है। आज के समय में बहुत से फल ऐसे है ,जिनकी भारत में डिमांड ज्यादा है। फलों की डिमांड होने के कारण उन्हें विदेश से मंगवाया जाता है। अब भारी डिमांड को देख कर भारतीय किसानों ने भी उन फलों की खेती शुरू कर दी है। जिससे किसानों की आय में भी तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है।

कीवी के सेवन से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

विशेषज्ञों के मुताबिक, कीवी एक एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी फल है। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कीवी में विटामिन बी, विटामिन सी, कैल्शियम, फाइबर, पोटैशियम, राइबोफ्लेविन, बीटा कैरोटीन, फॉस्फोरस, कॉपर, कार्बोहाइड्रेट, जिंक आदि मौजूद होते हैं। डॉक्टर लोगों को इस फल का सेवन करने की सलाह देते हैं। बाजार में कीवी काफी अच्छे दामों पर बिकता है।

अगर किसान भाई कीवी की खेती करना चाहते हैं तो उनके लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी रहती है. जो किसान भाई कीवी की खेती कर रहे हैं वो  जल निकासी की अच्छी व्यवस्था रखें। ताकि पेड़ों पर फल जल्दी आने लगें।  किसान भाई इसके पौधों को बडिंग या ग्राफ्टिंग विधि से बगीचे में लगा सकते हैं। कीवी की खेती अधिकतर ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों में की जाती है। इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच 6.0 से 7.0 के बीच होना सबसे अच्छा है।

14 डिग्री से 28 डिग्री के बीच का तापमान बेहद अच्छा

विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी खेती के लिए 14 डिग्री से 28 डिग्री के बीच का तापमान अच्छा होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर किसान इसकी खेती करना चाहते हैं तो जनवरी और फरवरी इसके लिए सबसे अच्छे महीने हैं। कुछ समय बाद इसमें फूल आना शुरू हो जाता है और साल के अंत तक इसमें फल भी आने लगते हैं। इसकी ‘हेवर्ड’, ‘एलीसन’, ‘ब्रूनो’ और ‘मोंटी’ जैसी किस्में देश में बहुत लोकप्रिय हैं। कीवी बाजार में अच्छे दामों पर बिकता है।

इन बातों का रखें ध्यान

कीवी की खेती बीज, कटिंग और टिश्यू कल्चर तकनीक से की जा सकती है।इसके रोपण के लिए 1.5 मीटर गहरे और 1 मीटर चौड़े गड्ढे तैयार करें.गड्ढों में अच्छी तरह सड़ा हुआ गोबर या कम्पोस्ट और जैविक खाद डालें।

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