समस्तीपुर, 24 नवंबर (कृषि भूमि डेस्क): डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में नवांगतुक छात्रों के लिए भव्य दीक्षारंभ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड (ASRB) के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार सिंह ने कहा कि पूसा विश्वविद्यालय देश का गौरव है और छात्रों को गर्व होना चाहिए कि वे उस संस्था का हिस्सा बने हैं जहाँ से देश में कृषि शिक्षा और अनुसंधान की शुरुआत हुई।
आधुनिक कृषि का भविष्य: डिजिटल एग्रीकल्चर और प्राकृतिक खेती पर जोर
डॉ. सिंह ने बताया कि पूसा विश्वविद्यालय देश का पहला संस्थान है जिसने डिजिटल एग्रीकल्चर और प्राकृतिक खेती जैसे भविष्य उन्मुख विषयों में कोर्स शुरू किए हैं। उन्होंने छात्रों को दुनिया भर में हो रहे नवीनतम कृषि अनुसंधानों से अवगत कराया और कहा कि यही तकनीकें आने वाले समय में भारत और विश्व की कृषि का स्वरूप निर्धारित करेंगी।
उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिकों के जीवन और कार्यों का उदाहरण देते हुए छात्रों को प्रेरित किया कि वे भी देश के विकास में योगदान देने के उद्देश्य से कार्य करें।
दीक्षारंभ मॉडल बना राष्ट्रीय उदाहरण
मुख्य अतिथि ने कहा कि कुलपति डॉ. पी. एस. पांडेय द्वारा शुरू किया गया “दीक्षारंभ कार्यक्रम” इतना प्रभावशाली और नवाचारी है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने इसे सभी कृषि विश्वविद्यालयों में लागू कर दिया। बाद में UGC ने भी इसे देशभर के विश्वविद्यालयों में अनिवार्य कर दिया।
कुलपति डॉ. पांडेय: छात्रों को केंद्र में रखकर लिए जा रहे निर्णय
कुलपति डॉ. पी. एस. पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय में सभी नीतियाँ और निर्णय छात्रों व किसानों को ध्यान में रखकर तैयार किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया:
- विश्वविद्यालय के कई नियमों में छात्र हित में बदलाव किए गए हैं।
- यहां के छात्र देश और विदेश में संस्था का नाम रोशन कर रहे हैं।
- लगभग 100% प्लेसमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड है।
उन्होंने छात्रों से कहा कि वे पढ़ाई पर फोकस करें, नौकरी की चिंता न करें। साथ ही उन्होंने छात्रों को जॉब क्रिएटर बनने की भी सलाह दी।
छात्रों में उत्साह: “असंभव भी संभव”
कार्यक्रम का स्वागत भाषण स्कूल ऑफ एग्री-बिजनेस एंड रूरल मैनेजमेंट के निदेशक डॉ. रामदत्त ने दिया। उन्होंने छात्रों में जोश भरते हुए कहा कि दुनिया का हर बड़ा काम कठिन लगता है, लेकिन जब शुरुआत कर दी जाती है तो असंभव भी संभव हो जाता है।
21 दिनों तक विशेषज्ञों के साथ संवाद
कार्यक्रम की आयोजन प्रभारी डॉ. रितंभरा ने बताया कि यह 21-दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को छात्रों से जोड़ने का मंच बनेगा। इसमें UPSC में सफल रहे विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र भी शामिल होंगे और वे नवागंतुक छात्रों के साथ अपने अनुभव और रणनीतियाँ साझा करेंगे।
इस अवसर पर डीन पीजीसी डॉ. मयंक राय, डीन बेसिक साइंस डॉ. अमरेश चंद्रा, डीन फिशरीज डॉ. पी. श्रीवास्तव, पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. राकेश मणि शर्मा, डॉ. शिवपूजन सिंह, डॉ. कुमार राज्यवर्धन सहित कई शिक्षक, वैज्ञानिक और अधिकारी उपस्थित रहे।
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