प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना: पारंपरिक मछुआरों के लिए गहरे समुद्र में नए अवसर

मुंबई, 4 दिसंबर, 2025 ( कृषि भूमि डेस्क): भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) पारंपरिक मछुआरा समुदाय के लिए गेम-चेंजर साबित हो रही है। यह योजना उन मछुआरों को गहरे समुद्र तक पहुंचने का रास्ता दिखा रही है, जो पहले सीमित संसाधनों के कारण केवल तटीय क्षेत्रों तक ही रोज़गार तलाश पाते थे। PMMSY आधुनिक डीप सी फिशिंग वेसल्स (DSFV), सरकारी अनुदान और सहकारी मॉडल के संयोजन से मछुआरों की आय, समुद्री सुरक्षा और भविष्य को एक साथ मजबूत कर रही है।

DSFV के माध्यम से सशक्तिकरण

मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह (लल्लन सिंह) ने राज्यसभा में इस योजना की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि PMMSY के तहत पारंपरिक मछुआरों को गहरे समुद्र में व्यावसायिक रूप से मछली पकड़ने के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है।

  • वित्तीय सहायता: योजना के तहत मछुआरों को नए डीप सी फिशिंग वेसल्स (DSFV) खरीदने और अपनी मौजूदा नौकाओं के आधुनिकीकरण के लिए अनुदान मिलता है।

  • उद्देश्य: इस पहल का मुख्य उद्देश्य निर्यात की संभावनाओं को बढ़ाना और मछुआरों की आय में वृद्धि करना है।

सहकारिता मॉडल और फंड की उपलब्धता

सरकार ने इस अभियान को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए “होल ऑफ गवर्नमेंट अप्रोच” अपनाया है। इसके तहत सहकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर एक संयुक्त कार्य समूह (JWG) गठित किया गया है।

  • ऋण सुविधा: नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NCDC) मछुआरा सहकारी समितियों को आवश्यक ऋण सुविधाएँ प्रदान कर रहा है।

  • उदाहरण (महाराष्ट्र): मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र में 14 डीप सी फिशिंग वेसल्स को मंज़ूरी दी गई है, जिनकी कुल परियोजना लागत ₹20.30 करोड़ है।

    • इसमें NCDC से ₹11.55 करोड़ का ऋण।

    • PMMSY से ₹6.72 करोड़ की सहायता।

    • सोसायटी का अंशदान ₹2.03 करोड़ शामिल है।

  • हालिया वितरण: इसी पहल के तहत, 27 अक्टूबर 2025 को मुंबई की दो मछुआरा सहकारी समितियों को 2 नए DSFV सौंपे गए।

निवेश और अन्य सुविधाएं

वित्त वर्ष 2020-21 में शुरू हुई PMMSY के तहत सरकार अब तक कुल ₹20,050 करोड़ का निवेश कर चुकी है। इसके अलावा, फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (FIDF) के तहत ₹7,522 करोड़ की विभिन्न परियोजनाएँ कार्यान्वित की जा रही हैं।

PMMSY केवल नौकाएँ उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मछुआरों को एक समग्र सहायता पैकेज प्रदान करती है:

  • बुनियादी उपकरण: नाव, जाल और आवश्यक संचार व ट्रैकिंग उपकरण।

  • सुरक्षा: समुद्री सुरक्षा किट और बीमा कवर

  • आधुनिक सुविधाएँ: कोल्ड-चेन (शीतल श्रृंखला) और विपणन (Marketing) सुविधाएँ।

  • अन्य पहल: प्रशिक्षण, सीवीड (समुद्री शैवाल) खेती और फिशिंग हार्बर (बंदरगाह) जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी प्रदान की जा रही हैं।

PMMSY भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र को संगठित करने, मछुआरों की आर्थिक स्थिति सुधारने और भारत को समुद्री उत्पादों के निर्यात में विश्वस्तरीय केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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