इस शर्त पर झारखंड में मोटे अनाज की खेती के लिए किसानो को मिलेंगे राज्य सरकार से पैसे

झारखंड में मोटे अनाज की खेती की संभावनाएं काफी बढ़ गयी है। ऐसी परिस्थितियों में मोटे अनाज उगाना किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है, खासकर तब जब वर्षा का पैटर्न बदल गया है और हाल के वर्षों में वर्षा में कमी आई है। राज्य सरकार ने राज्य में उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है । हालाँकि, राज्य सरकार ने शर्त लगाई है कि धन केवल मोटे अनाज की खेती के लिए दिया जाएगा। लेकिन सरकार की शर्त ये है कि सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को कम से कम एक हेक्टेयर और अधिकतम पांच हेक्टेयर भूमि पर मोटा अनाज उगना होगा ।

झारखंड सरकार की ओर से एक से पांच हेक्टेयर भूमि पर मोटा अनाज उगाने पर किसानों को 3,000 रुपये से 15,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह योजना राज्य के किसानों को 2023-24 से 2027-28 तक पांच साल की अवधि के लिए पेश की गयी है । यह योजना सूबे के सभी क्षेत्रों में लागू की जायेगी। इस कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय किसान दिवस पर बाजरा लगाने वाले 10 किसानों को पुरस्कृत किया जाएगा। 50,000 रुपये तक के नकद पुरस्कार भी दिए जाएंगे। इसके साथ ही राज्य सरकार ने राज्य में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए मिशन
मिलेट शुरू किया है। राज्य में मिलेट मिशन के तहत रागी (मडुआ), बाजरा, कलमी, कोदो और जंगोरा की खेती को बढ़ावा दिया जायेगा ।

30 अगस्त तक हो सकता है रजिस्ट्रेशन:
झारखंड में मिलेट मिशन के तहत मोटा अनाज उगाने के इच्छुक किसानों को नजदीकी सीएससी या प्रज्ञा केंद्र से संपर्क कर पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 अगस्त है। इसके बाद 1 सितंबर से किसानों के खेतों का भौतिक निरीक्षण किया जाएगा। यह 15 सितंबर तक चलेगा। इस सर्वेक्षण के आधार पर राज्य भर के किसानों का चयन किया जाएगा। यह योजना पांच वर्षों के लिए लाई गई है। हालाँकि, यदि आवश्यक हो, तो अवधि को आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है। झारखंड सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में राज्य के पांच हजार हेक्टेयर में मोटे अनाज की खेती करने का है।

ये है ज़रूरी दस्तावेज़:
इस मिशन के तहत प्रोत्साहन राशि हासिल करने के हकदार रैयत और बटाईदार दोनों ही होंगे। रजिस्ट्रेशन के वक्त किसानों को आधार कार्ड के अलावा जमीन के कागजात, बैंक पासबुक और फोन नंबर की जानकारी देनी होगी। योजना का लाभ लेने के लिए लाभुक को झारखंड का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। किसान 10 डिसमिल से लेकर पांच एकड़ तक में मोटे अनाज की खेती कर पाएंगे। किसानों को मोटे अनाज की मार्केटिंग करने के लिए परेशानी नहीं होगी क्योंकि बाजरा प्रसंस्करण उद्यम भी लगाया जाएगा। साथ ही बीज बैंक के माध्यम से बाजरा की देशी प्रजातियों का संरक्षण और संवर्धन किया जाएगा।

शेयर :

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

ताज़ा न्यूज़

विज्ञापन

विशेष न्यूज़

Stay with us!

Subscribe to our newsletter and get notification to stay update.

राज्यों की सूची