नई दिल्ली, 22अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):
वैश्विक बाजारों में जारी अनिश्चितताओं और व्यापारिक बाधाओं के बावजूद भारत के वस्त्र निर्यात क्षेत्र ने मजबूती का प्रदर्शन किया है। जुलाई 2025 में वस्त्र निर्यात में 5.37% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई, जो इस क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में भारत ने 1.52 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के वस्त्र निर्यात किए, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 1.44 अरब डॉलर के मुकाबले अधिक है। यह वृद्धि ऐसे समय में देखने को मिली है जब कई अन्य निर्यात क्षेत्रों में मंदी का असर दिख रहा है।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि यह बढ़त सरकार की नीतिगत सहायता, निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मक रणनीतियों और वैश्विक मांग में आंशिक सुधार के कारण संभव हो पाई है।
भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फियो) के अध्यक्ष डॉ. ए. शक्तिवेल ने कहा, “यह वृद्धि भारतीय वस्त्र उद्योग की लचीलापन क्षमता और वैश्विक बाजार में उसकी मजबूत स्थिति को दर्शाती है। सरकार द्वारा निर्यातकों को प्रदान की गई प्रोत्साहन योजनाएं और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना ने इस प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
हालांकि, विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि वैश्विक मांग में अभी भी स्थिरता नहीं आई है और आगामी महीनों में अमेरिका तथा यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में मंदी के संकेत हैं। ऐसे में निर्यातकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
सरकार ने भी यह संकेत दिया है कि वह वस्त्र निर्यात को और प्रोत्साहित करने के लिए नई रणनीतियों पर कार्य कर रही है। इसमें नवाचार, डिजिटलीकरण और मूल्य श्रृंखला में विविधता को बढ़ावा देना शामिल है।
कुलमिलाकर, जुलाई में वस्त्र निर्यात में हुई यह वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि भारत का वस्त्र क्षेत्र वैश्विक चुनौतियों के बावजूद आगे बढ़ने में सक्षम है और यदि उचित समर्थन जारी रहा, तो आने वाले महीनों में यह रुझान और भी सकारात्मक हो सकता है।
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