हैदराबाद, 19अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):
भारत ने पशु चिकित्सा (Veterinary) और जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology Sector) क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश का पहला पशु स्टेम सेल बायोबैंक (Animal stem cell biobank) हैदराबाद के गाचीबोवली में स्थापित किया है। इस अत्याधुनिक सुविधा का उद्घाटन केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया। यह पहल जैव प्रौद्योगिकी विभाग की जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान इनोवेशन परिषद (BRIC) के अंतर्गत राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (NIAB) द्वारा की गई है।
क्या है यह बायोबैंक?
यह स्टेम सेल बायोबैंक विभिन्न पशु प्रजातियों से प्राप्त उच्च गुणवत्ता वाले स्टेम सेल का संरक्षण और भंडारण करेगा। इसका उद्देश्य पशु चिकित्सा क्लीनिकों, अनुसंधान संस्थानों, अस्पतालों और जैव तकनीकी उद्योगों को गुणवत्तापूर्ण, स्वदेशी और लागत-प्रभावी स्टेम सेल एवं सेल कल्चर मीडिया उपलब्ध कराना है। यह पहल न केवल आयात पर निर्भरता कम करेगी बल्कि देश की बायोमैन्युफैक्चरिंग क्षमता को भी मज़बूती प्रदान करेगी।
पशु चिकित्सा में क्रांतिकारी बदलाव की ओर
यह संसाधन पुनर्योजी चिकित्सा, पशु स्वास्थ्य, और कोशिका-आधारित स्मार्ट प्रोटीन उत्पादन जैसे क्षेत्रों में शोध और इनोवेशन को बढ़ावा देगा। बायोबैंक के माध्यम से स्टेम सेल आधारित उपचार और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों की आजीविका, पशुधन उत्पादकता और पशुओं की जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा, “ये खेत-तैयार और किफायती तकनीकी इनोवेशन न केवल पशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाएंगे बल्कि जूनोटिक बीमारियों से निपटने में भी हमारी क्षमता को मज़बूत करेंगे – जो कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारियों का बड़ा कारण हैं।”
‘विकसित भारत 2047’ के विज़न के अनुरूप पहल
कार्यक्रम के दौरान डॉ. सिंह ने ‘विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना के अंतर्गत ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांतों को दोहराया। उन्होंने कहा कि पशु आधारित कृषि और ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है।
NIAB के निदेशक डॉ. जी तारू शर्मा ने बताया कि यह पहल सरकार की बायोई3 नीति (BioE3 Policy – इकोनॉमी, एम्प्लॉयमेंट और एनवायरनमेंट) के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य स्मार्ट प्रोटीन उत्पादन से लेकर रोग नियंत्रण तक के लिए स्थायी और ज्ञान आधारित पशुधन स्वास्थ्य समाधान तैयार करना है।”
यह बायोबैंक भारत को पशु जैव प्रौद्योगिकी में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा, इनोवेशन को बढ़ावा देगा और पशुधन क्षेत्र में एक नई वैज्ञानिक क्रांति की नींव रखेगा।
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