भूटान को 9 लाख टन आटा और सूजी निर्यात करेगा भारत, इन पांच देशों को भी चावल बेचेगा चावल

केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने टूटे हुए चावल और गेहूं के निर्यात की अनुमति दे दी है। राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से 5 देशों को लगभग 9 लाख टन टूटे हुए चावल का निर्यात किया जाएगा। इसके अलावा भारत ने अपने पड़ोसी देश भूटान को 34,000 टन से अधिक गेहूं और गेहूं उत्पादों के निर्यात की घोषणा की है।

कहा जा रहा है कि वाणिज्य मंत्रालय ने अन्य देशों के अनुरोध के आधार पर चावल और गेहूं के निर्यात की अनुमति दी है। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, उसने मानवीय और खाद्य सुरक्षा के आधार पर टूटे हुए चावल, गेहूं और गेहूं उत्पादों के निर्यात के लिए कोटा आवंटन निर्धारित दिशानिर्देशों और प्रक्रियाओं को भी वापस ले लिया है।

15226 टन मैदा/सूजी का निर्यात

सरकार ने गाम्बिया को 50,000 टन टूटे हुए चावल का निर्यात करने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि भारत एक बार में गाम्बिया को सारा चावल निर्यात नहीं करेगा। वह 6 महीने में नियम के तहत पूरा चावल भेज देंगे। इसके अलावा 48,804 टन भारतीय चावल एनसीईएल के जरिए भूटान को बेचा जाएगा। वहीं, सरकार भूटान को 14,184 टन गेहूं की आपूर्ति करेगी, वह 5,326 टन आटा और 15,226 टन मैदा/सूजी का निर्यात भी करेगी।

Rice export
Rice export

चावल निर्यात की अनुमति दी गई

दिलचस्प बात यह है कि कुछ निर्यातकों ने निर्यात कोटा आवंटन की प्रक्रियाओं को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में मामले दायर किए थे, जो पड़ोसी देशों से शिपमेंट के पिछले अनुभव पर आधारित थे। सरकार द्वारा स्वीकृत 898804 टन टूटे हुए चावल में से 5 लाख टन का आवंटन इस शर्त के साथ किया गया है कि इसका निर्यात अगले छह महीनों में होगा। इसके अलावा भारत ने इंडोनेशिया और माली को 2 लाख टन का आवंटन किया है सरकार ने 1 लाख टन टूटे चावल के निर्यात की अनुमति दी है।

गुरुवार को ही जारी हुए नए आदेश

टूटे हुए चावल निर्यात पर सरकार द्वारा गुरुवार, को जारी एक अधिसूचना में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा कि इस अधिसूचना (30 नवंबर) के परिणामस्वरूप व्यापार सूचना संख्या 08/2023 दिनांक 20 जून, 2023 और व्यापार सूचना संख्या 17/2023 और 18/2023 दिनांक 28 जुलाई , 2023 रद्द कर दिया गया है।

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