भारत में बढ़ रहा ट्री नट्स (सूखे मेवों) का आयात? बादाम, अखरोट और पिस्ता की मांग में 7% उछाल संभव

मुंबई, 26 नवम्बर, 2025 (कृषि भूमि डेस्क): भारत में बादाम, अखरोट और पिस्ता जैसे ट्री नट्स की खपत में जबरदस्त उछाल आया है। घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत की आयात पर निर्भरता लगातार बढ़ती जा रही है। अमरीकी कृषि विभाग (USDA) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, विपणन सत्र 2025-26 के दौरान इन सूखे मेवों का सकल आयात पिछले वर्ष की तुलना में करीब 7 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।

यह वृद्धि इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारतीय परिवारों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति (purchasing power) में इजाफा हुआ है।

आयात बढ़ने के तीन प्रमुख कारण

ट्री नट्स की बढ़ती मांग और आयात में वृद्धि के पीछे कई कारक एक साथ काम कर रहे हैं:

1. स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता

आजकल भारत की युवा आबादी और मध्यम वर्ग फिटनेस ट्रेंड के कारण स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो रहा है।

  • सुपरफूड की पहचान: बादाम, अखरोट और पिस्ता को उनके उच्च पोषण मूल्य (प्रोटीन, विटामिन ई, एंटीऑक्सीडेंट्स) के कारण “सुपरफूड” के रूप में देखा जा रहा है, जो दिल, दिमाग और हड्डियों के लिए फायदेमंद हैं।

  • दैनिक आहार में शामिल: ये मेवे अब केवल त्योहारों या सर्दियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि स्वास्थ्य पूरक (health supplement) के तौर पर रोज़मर्रा के खान-पान का हिस्सा बन रहे हैं।

2. बढ़ती आय और खपत

भारत में आबादी बढ़ने के साथ-साथ लोगों की आमदनी और मध्यम वर्ग का विस्तार हुआ है।

  • खरीद क्षमता: बढ़ती क्रय शक्ति के चलते अब लोगों के लिए ट्री नट्स खरीदना पहले से ज़्यादा किफायती हो गया है।

  • उपयोग में वृद्धि: बादाम का उपयोग न सिर्फ सीधे खानपान में, बल्कि मिठाई, स्नैकिंग और ऑनलाइन फूड मार्केट के विस्तार में भी खूब हो रहा है।

3. घरेलू उत्पादन में गिरावट

एक तरफ जहाँ मांग बढ़ रही है, वहीं घरेलू उत्पादन लगातार घट रहा है, जिससे आयात पर निर्भरता बढ़ गई है।

  • अखरोट का उत्पादन: कई क्षेत्रों में मौसम के उतार-चढ़ाव ने भारत के घरेलू अखरोट उत्पादन को प्रभावित किया है। अनुमान है कि अखरोट का आयात 20 प्रतिशत तक बढ़कर 75,000 टन तक पहुंच जाएगा, क्योंकि घरेलू उत्पादन लगभग 33,500 टन रहने का अनुमान है।

  • बादाम की चुनौती: जम्मू और कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में खराब मिट्टी की नमी और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण बादाम का उत्पादन कम होने का अनुमान है। कई किसान अब सेब की खेती की ओर भी रुख कर रहे हैं।

  • पिस्ता की निर्भरता: भारत में व्यावसायिक पैमाने पर पिस्ता का उत्पादन नहीं होता है। इसलिए, भारत अपनी आवश्यकता का लगभग पूरा पिस्ता अमेरिका और ईरान जैसे प्रमुख उत्पादक देशों से आयात करता है। 2025-26 में पिस्ता की खपत 12 प्रतिशत बढ़कर 50,500 टन तक पहुँच सकती है।

प्रमुख ट्री नट्स का आयात अनुमान (2025-26)

यूएसडीए रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान विपणन सत्र (सितंबर 2025 से अगस्त 2026) में आयात में वृद्धि का अनुमान इस प्रकार है:

ट्री नट (Tree Nut)आयात अनुमान (2025-26)पिछले वर्ष से वृद्धि
बादाम (Almond)1.80 लाख टन (या 1,90,000 मीट्रिक टन)6% तक वृद्धि का अनुमान
अखरोट (Walnut)75,000 टन~20% तक उछाल
पिस्ता (Pistachio)50,500 टन~12% तक वृद्धि

भारत में ट्री नट्स की बढ़ती खपत देश के मध्य वर्ग के आर्थिक उत्थान और स्वास्थ्य केंद्रित जीवनशैली को दर्शाती है। हालांकि, घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना एक बड़ी चुनौती है ताकि आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके।

===

हमारे लेटेस्ट अपडेट्स और खास जानकारियों के लिए अभी जुड़ें — बस इस लिंक पर क्लिक करें:
https://whatsapp.com/channel/0029Vb0T9JQ29759LPXk1C45

शेयर :

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

ताज़ा न्यूज़

विज्ञापन

विशेष न्यूज़

Stay with us!

Subscribe to our newsletter and get notification to stay update.

राज्यों की सूची