मुंबई/ नई दिल्ली, 18 नवंबर (कृषि भूमि डेस्क): Gold Rate Today – भारतीय बाजार में सोने की कीमतें आज लगातार दूसरे दिन मजबूत रहीं, जबकि चांदी ने दूसरी बार कमजोरी दिखाई। अंतरराष्ट्रीय बाजार से मिले मिले-जुले संकेतों और अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की ब्याज दरों को लेकर बन रही अनिश्चितता का असर घरेलू बाजारों पर साफ दिखाई दे रहा है। राजधानी दिल्ली में आज 24 कैरेट और 22 कैरेट गोल्ड दोनों के भाव 10–10 रुपये बढ़े। दो दिनों में 24 कैरेट सोना 330 रुपये और 22 कैरेट सोना 310 रुपये प्रति दस ग्राम महंगा हो चुका है।
चांदी की दिशा सोने के बिल्कुल उलट रही। एक दिन की स्थिरता के बाद लगातार दो दिनों में चांदी कुल 2,100 रुपये सस्ती हुई है। इससे पहले एक दिन में 4,100 रुपये की गिरावट के बाद चांदी पाँच दिनों में कुल 20,600 रुपये प्रति किलोग्राम चढ़ी थी, लेकिन अब फिर गिरावट का दौर लौट आया है।
10 बड़े शहरों में आज का गोल्ड रेट
देश के प्रमुख शहरों में 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने के ताज़ा रेट इस प्रकार हैं। दिल्ली में आज 22 कैरेट गोल्ड 1,15,110 रुपये और 24 कैरेट गोल्ड 1,25,560 रुपये पर पहुंच गया। मुंबई और कोलकाता में 22 कैरेट की कीमत 1,14,960 रुपये और 24 कैरेट 1,25,410 रुपये रही। चेन्नई में भाव 22 कैरेट के लिए 1,15,390 रुपये और 24 कैरेट के लिए 1,25,880 रुपये दर्ज हुए। बेंगलुरु और हैदराबाद में कीमतें लगभग समान रहीं, जबकि लखनऊ, पटना, जयपुर और अहमदाबाद में भी सोने के रेट में मामूली बढ़त दिखी।
चांदी लगातार दूसरी बार गिरी, चेन्नई में सबसे महंगी
दिल्ली में आज चांदी 100 रुपये गिरकर 1,66,900 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। मुंबई और कोलकाता में भी यही भाव रहा, जबकि चेन्नई में चांदी के दाम 1,72,900 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज किए गए, जो चारों महानगरों में सबसे अधिक हैं। यह गिरावट बीते दो दिनों में कुल 2,100 रुपये की है, जबकि सप्ताह की शुरुआत में चांदी बेहद तेज़ उतार-चढ़ाव से गुज़री थी।
सोना-चांदी के रुझान को क्या चला रहा है?
अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता सोना-चांदी की चाल का सबसे बड़ा कारक बनी हुई है। फेडरल रिज़र्व के निर्णय से पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव घरेलू बाजारों में परावर्तित हो रहा है।
मेहता इक्विटीज़ के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटीज़) राहुल कलंत्री के अनुसार, अल्पावधि में उतार-चढ़ाव के बावजूद वर्ष 2024–25 सोने के लिए मजबूत साबित हो रहा है। वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों की बढ़ती खरीदारी सोने को मजबूती दे रही है। हालांकि फेड पॉलिसी आने तक गोल्ड और सिल्वर में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि वर्तमान में सोना एक रिस्क एसेट की तरह व्यवहार कर रहा है। जब कोई भी एसेट क्लास नए स्तरों को छूने की कगार पर होता है, तो बाजार में कंसोलिडेशन देखने को मिलता है। उनके अनुसार, निवेशकों को इस समय गोल्ड में अधिक आक्रामक होने से बचना चाहिए।
अमेरिकी ब्याज दरों पर क्रूशियल निर्णय, डॉलर इंडेक्स की चाल और वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति—तीनों मिलकर सोना-चांदी का निकट भविष्य तय करेंगे। सोने में मजबूती बरकरार रहने की संभावना जताई जा रही है, जबकि चांदी में उतार-चढ़ाव और बढ़ सकता है।
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