नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): नीलगिरी की स्ट्रॉबेरी न केवल स्वाद में बेहतरीन है, बल्कि यह विदेशी बाजारों में भी निर्यात की जाती है। इस खेती को अपनाकर किसान अच्छे खासे लाभ कमा रहे हैं, और यह अब नीलगिरी जिले में एक बेहद लाभकारी व्यवसाय बन चुका है।
नीलगिरी में स्ट्रॉबेरी की खेती: आसान और फायदेमंद
नीलगिरी की हल्की और ठंडी जलवायु में पुणे से लाए गए स्ट्रॉबेरी के पौधे बड़ी आसानी से उगते हैं और इनका स्वाद भी अद्वितीय होता है। यहां के किसान इन पौधों की देखभाल में विशेष ध्यान देते हैं, जैसे नियमित पानी देना, पर्याप्त धूप मिलवाना, और मिट्टी एवं पौधों की जड़ों का सही तरीके से ख्याल रखना। स्ट्रॉबेरी की खासियत यह है कि एक बार लगाने के बाद किसान लगभग 10 महीने तक लगातार फल प्राप्त कर सकते हैं। इसकी फसल न केवल स्थानीय बाजारों में बिकती है, बल्कि विदेशों में भी निर्यात होती है, जिससे किसानों की आय में इजाफा होता है।
स्ट्रॉबेरी के पौधों की देखभाल
स्ट्रॉबेरी की खेती में निवेश ज्यादा मेहनत और सही तकनीक से करना होता है, लेकिन यह एक लंबी अवधि तक लाभ देने वाली फसल है। किसान पौधों की देखभाल बच्चों की तरह करते हैं—रोज़ाना पानी देना, सही समय पर छंटाई करना, और पौधों को पर्याप्त धूप मिलवाना आवश्यक होता है। इसके अलावा, फलों की कटाई तभी करनी चाहिए जब फल का आधा हिस्सा लाल और आधा हरा हो।
एक बार लगाएं, 10 महीने तक काटें
नीलगिरी में उगाई गई स्ट्रॉबेरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि एक बार पौधा लगाने के बाद किसान इसे लगभग 10 महीने तक काट सकते हैं। यह अन्य पहाड़ी फसलों की तुलना में बहुत लंबी अवधि तक उत्पादन देती है, जिससे किसान लंबे समय तक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। स्ट्रॉबेरी को छत या खपरैल जैसी संरचनाओं में उगाया जाता है ताकि मौसम और पक्षियों से फसल की रक्षा की जा सके।
बाजार में स्ट्रॉबेरी की कीमत और मुनाफा
नीलगिरी की स्ट्रॉबेरी स्थानीय बाजारों में 250 से 500 रुपये प्रति किलो बिकती है, और किसानों का अनुमान है कि वे प्रति किलो लगभग 100 से 150 रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं। हरे फल की मांग बहुत कम होती है, इसलिए केवल लाल और पूरी तरह पके हुए फल ही बेचे जाते हैं।
स्ट्रॉबेरी की खेती का बदलता रुझान
पहले ज्यादातर व्यापारी स्ट्रॉबेरी की खेती करते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में कीमतों में गिरावट के कारण कुछ किसान अन्य फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। हालांकि, जो किसान सही तरीके से स्ट्रॉबेरी की देखभाल करते हैं, उन्हें उच्च पैदावार और अच्छा मुनाफा मिल रहा है।
नीलगिरी की स्ट्रॉबेरी न केवल स्वाद में बेहतरीन है, बल्कि यह विदेशों में भी निर्यात की जाती है। यह अब किसानों के लिए स्थायी आय का स्रोत बन चुकी है। सही तकनीक और नियमित देखभाल के साथ, यह फसल लगभग 10 महीने तक निरंतर लाभ देने की क्षमता रखती है।
यदि आप भी स्ट्रॉबेरी की खेती करना चाहते हैं, तो सही तकनीक, देखभाल और मेहनत से यह फसल आपको स्थिर और अच्छा मुनाफा दे सकती है। नीलगिरी जैसे ठंडी जलवायु वाले इलाकों में इसकी खेती से न सिर्फ स्थानीय बाजार में बल्कि विदेशों में भी आपकी स्ट्रॉबेरी की मांग बढ़ सकती है।
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