मुंबई : महाराष्ट्र (Maharashtra) के किसानों की बिजली समस्या का समाधान करने के लिए राज्य सरकार ने अहम नीतिगत निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि 2026 के अंत तक किसानों को प्रतिदिन 12 घंटे स्वच्छ बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।
सौर ऊर्जा परियोजनाओं से बिजली समस्या का समाधान
राज्य में किसानों को दिन में बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की कुसुम योजना के साथ मुख्यमंत्री सौर कृषि योजना को जोड़ा गया। इस योजना के तहत १६,००० मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से ४,००० मेगावाट बिजली उत्पादन पहले ही पूरा हो चुका है। सरकार इसे जल्द पूरा करने के लिए तत्पर है।
नदी जोड़ परियोजना और जल संरक्षण
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में पानी की समस्या का समाधान करने के लिए नलगंगा-वैनगंगा नदी जोड़ परियोजना शुरू की जा रही है। इसके अलावा तापी मेगा रिचार्ज परियोजना के तहत 35 टीएमसी पानी समुद्र से वापस लाया जाएगा, जिससे बुलढाणा, अकोला और अमरावती जिले के किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा।
नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी योजना का विस्तार
राज्य सरकार ने नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी योजना को विश्व बैंक के सहयोग से शुरू किया। पहले 5000 गांवों में यह योजना लागू की गई थी, और इन गांवों में हुए सकारात्मक बदलाव को देखते हुए अब यह योजना ७,५०० गांवों में विस्तारित की जाएगी।
कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा
कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा कि किसानों की मजदूर समस्या के समाधान के लिए कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देना होगा। केंद्र सरकार को इसे किसानों के लिए सुलभ बनाने के उपायों पर विचार करना चाहिए, ताकि वे आधुनिक कृषि तकनीकों को अपना सकें।
ग्राम विकास और कृषि अनुसंधान
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में ग्राम विकास और कृषि सुधार का आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया। कृषि के सामने कई चुनौतियां हैं, जैसे मिट्टी की गुणवत्ता का गिरना और जल प्रदूषण, जिनका समाधान करने के लिए शोध किए जा रहे हैं।
नई तकनीकों की शुरुआत
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय मृदा स्पेक्ट्रल तकनीक और गुलाबी बोंड अली के नियंत्रण हेतु एआई फेरोमन ट्रैप का उद्घाटन किया गया।