मुंबई : महाराष्ट्र में औद्योगिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए बीड, नांदेड और छत्रपति संभाजीनगर के बाद अब रायगढ़ जिले में अत्याधुनिक ‘सीट्रिपलआईटी’ (Center for Invention, Innovation, Incubation and Training) केंद्र को मंजूरी दे दी गई है। टाटा टेक्नोलॉजी और राज्य सरकार के सहयोग से रोहा एमआईडीसी (MIDC) में यह केंद्र स्थापित होगा, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार केंद्रित कौशल प्रशिक्षण मिलेगा।
उद्योग और कौशल विकास के लिए बड़ा कदम
रायगढ़ जिले के रोहा एमआईडीसी में स्थापित होने वाले इस ‘सीट्रिपलआईटी’ (CIIIT) केंद्र के लिए 105 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है। इसमें 89 करोड़ रुपये टाटा टेक्नोलॉजी द्वारा और 16 करोड़ रुपये राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा दिए जाएंगे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के प्रयासों से यह केंद्र मंजूर हुआ है। टाटा टेक्नोलॉजी कंपनी ने उपमुख्यमंत्री को स्वीकृति पत्र भेजा है, और यह फैसला उद्योग व तकनीकी कौशल विकास के नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है।
चार महीनों में मंजूर हुआ चौथा केंद्र
पिछले चार महीनों में महाराष्ट्र में ‘सीट्रिपलआईटी’ केंद्रों को मंजूरी देने की प्रक्रिया तेजी से पूरी की गई है। बीड जिले के लिए केवल दो सप्ताह में, नांदेड के लिए डेढ़ महीने में और छत्रपति संभाजीनगर के लिए दो केंद्रों को मंजूरी दी गई थी। अब रायगढ़ के रोहा एमआईडीसी में यह चौथा केंद्र स्थापित होने जा रहा है, जिससे कोकण क्षेत्र के युवाओं को औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
कोकण क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा
रायगढ़ जिले के इस ‘सीट्रिपलआईटी’ केंद्र से कोकण क्षेत्र के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे। अत्याधुनिक ‘एआई’ (Artificial Intelligence) तकनीक के साथ औद्योगिक कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय उद्योगों को कुशल मानव संसाधन उपलब्ध होगा और नए उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
“इस निर्णय से कोकण क्षेत्र के युवाओं को विश्व स्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण और औद्योगिक क्षेत्र में प्रवेश का अवसर मिलेगा। यह केंद्र कोकण में औद्योगिक माहौल तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा,” ऐसा महिला एवं बाल विकास मंत्री आदिति तटकरे ने व्यक्त किया।
हर साल 3,000 युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण
इस नए केंद्र से हर वर्ष लगभग 3,000 युवाओं को तकनीकी और औद्योगिक प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण के पहले तीन वर्षों का खर्च टाटा टेक्नोलॉजी उठाएगी, उसके बाद टाटा टेक्नोलॉजी और जिला प्रशासन 50-50 प्रतिशत की साझेदारी में यह खर्च साझा करेंगे। इससे युवाओं को उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल प्राप्त होगा और रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
स्थानीय विकास और औद्योगिक प्रगति
यह केंद्र कोकण क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा देगाऔर स्थानीय स्तर पर कुशल मानव संसाधन तैयार करेगा। इससे नए उद्योगों को जरूरी तकनीकी प्रशिक्षण सुविधाएं मिलेंगी, रोजगार सृजन बढ़ेगा और कोकण के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। यह पहल राज्य सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से कौशल विकास को नया आयाम देने वाली साबित होगी।
रायगढ़ जिले के लिए स्वर्णिम अवसर
रायगढ़ जिले के युवाओं को अत्याधुनिक प्रशिक्षण के माध्यम से नए अवसर उपलब्ध कराने वाला यह प्रोजेक्ट है। इस केंद्र से कोकण क्षेत्र में औद्योगिक वातावरण अधिक मजबूत होगा और तकनीकी कौशल विकसित करने वाली नई पीढ़ी के लिए रोजगार के नए मार्ग खुलेंगे। यह केंद्र स्थानीय नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देगा।