सहकारिता मंत्री अमित शाह बोले-कृषि और ग्रामीण विकास बैंक होंगे डिजिटल

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 225 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (एआरडीबी) और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (आरसीएस) के लिए कम्प्यूटरीकरण कार्यक्रम शुरू किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण के प्रयासों से उनके कामकाज में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार करने में मदद मिलेगी।

सहकारिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहयोग से कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों (एआरडीबी) तथा राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों की सहकारी समितियों के पंजीयक (आरसीएस) के लिए कम्प्यूटरीकरण परियोजनाएं शुरू की गई हैं। शाह ने कहा कि परियोजनाएं पूरे सहकारी पारिस्थितिकी तंत्र को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर आधुनिक बनाएंगी और इसकी दक्षता बढ़ाएंगी। उन् होंने कहा कि इससे सहकारी क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार करने में मदद मिलेगी।

परियोजना से कई लाभ होंगे

शाह ने कहा कि कंप्यूटरीकरण की कुल लागत 225 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 95 करोड़ रुपये आरसीएस के कम्प्यूटरीकरण पर खर्च किए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि एआरडीबी के कंप्यूटरीकरण से किसानों को मध्यम और दीर्घकालिक ऋण प्राप्त करने में मदद मिलेगी, कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए दीर्घकालिक वित्तपोषण आवश्यक है।

13 राज्यों में एआरडीबी को किया जाएगा आधुनिक

शाह ने कहा कि किसानों को दीर्घकालिक ऋण की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इन एआरडीबी को पैक्स से जोड़ने की योजना है. पहली पहल के तहत, 13 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में एआरडीबी की 1,851 इकाइयों को कम्प्यूटरीकृत किया जाएगा और एक सामान्य राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर के माध्यम से राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से जोड़ा जाएगा. शाह ने कहा कि एआरडीबी केवल 13 हैं ये राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूद हैं और अन्य राज्यों में भी इसका विस्तार करने की आवश्यकता है।

 

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