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नई दिल्ली, 26 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):

भारत में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष धान की बुआई में बड़ी बढ़त देखी गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष धान की बुआई पिछले साल की तुलना में 19.47 लाख हेक्टेयर अधिक हुई है। यह बढ़ोतरी कृषि क्षेत्र में सकारात्मक संकेत देती है और कृषि मंत्री ने इसे भारतीय किसानों की मेहनत और मौसम के अनुकूल रहने का परिणाम बताया।

धान की बुआई में वृद्धि को लेकर सरकार ने खुशी जताई है। भारत के विभिन्न हिस्सों में विशेष रूप से पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में इस वर्ष अच्छी बारिश के कारण किसानों ने अधिक से अधिक भूमि पर धान की बुआई की। इससे भारत के खाद्यान्न उत्पादन में और बढ़ोतरी होने की संभावना है।

धान के साथ-साथ, दालों की बुआई में भी वृद्धि देखी गई है। खासकर उर्द और मूंग दाल की बुआई में पिछले वर्षों के मुकाबले अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। किसानों ने रबी और खरीफ दोनों सीजन में बेहतर उपज की उम्मीद करते हुए इन फसलों पर ध्यान केंद्रित किया है।

हालांकि, इस वर्ष अधिक बुआई के बावजूद, किसानों को नकली खाद और बीजों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने नकली खाद और बीजों की बिक्री पर कड़ी निगरानी रखने के आदेश दिए हैं। देशभर में कई स्थानों पर कृषि विभाग की टीम ने छापेमारी कर नकली उत्पादों को जब्त किया है और इन पर सख्त कार्रवाई जारी है। इससे किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज और खाद मिलने की उम्मीद है।

कृषि मंत्री ने कहा, “धान की बुआई में वृद्धि कृषि क्षेत्र में आशा का संचार करती है। किसानों को हर संभव मदद देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हम न केवल बुआई की प्रक्रिया को सरल बना रहे हैं, बल्कि कृषि उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठा रहे हैं।”

कृषि मंत्रालय ने भविष्य में फसल विविधता, सिंचाई प्रणालियों की सुधार, और किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है। इस साल की बुआई में वृद्धि से यह उम्मीद जताई जा रही है कि देश में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं होगी और भारत वैश्विक खाद्य बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर सकता है।

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