पुणे, 13 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न सी.के. अंबेडकर की उपस्थिति में ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम नई दिल्ली के पूसा स्थित सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम से वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मंत्री भरणे ने बताया कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत महाराष्ट्र के 9 जिलों — पालघर, रायगढ़, धुले, छत्रपति संभाजीनगर, बीड, नांदेड़, यवतमाल, चंद्रपुर और गढ़चिरौली — को शामिल किया गया है। इस योजना के माध्यम से फसल उत्पादकता बढ़ाने, सिंचाई क्षमता सुधारने और कृषि ऋण प्रणाली को सशक्त करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
भारी बारिश से प्रभावित किसानों को राहत
कृषि मंत्री भरणे ने कहा कि जून से सितंबर के बीच राज्य में हुई भारी बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कई जगह खेतों की मिट्टी बह गई, ट्रांसफार्मर और बिजली पंप नष्ट हो गए। इन परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने ₹31,627 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है।
इसके तहत शुष्क भूमि की खेती के लिए ₹18,500 करोड़, मौसमी बागवानी के लिए ₹27,000 रुपये, स्थायी बागवानी के लिए ₹32,500 रुपये प्रति हेक्टेयर और रबी फसलों के लिए ₹10,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
महिला किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण
राज्य में वर्तमान में 3,500 कृषि सखियां कार्यरत हैं, जो महिला किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन और प्रशिक्षण प्रदान कर रही हैं। मंत्री भरणे ने इन कृषि सखियों से जैविक खेती को बढ़ावा देने, सरकारी योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाने और कृषि में नई तकनीक अपनाने की अपील की।
इस अवसर पर जैविक खेती और प्राकृतिक कृषि में उल्लेखनीय कार्य करने वाले प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया। कई महिला किसानों को भी उनके योगदान के लिए कार्यक्रम स्थल पर ही सम्मानित किया गया।
कृषि आयुक्त का वक्तव्य
कृषि आयुक्त सूरज मांढरे ने कहा कि किसानों ने उत्पादन बढ़ाने में सफलता पाई है, लेकिन बाजार में उचित मूल्य न मिलने के कारण उनकी आय में समान वृद्धि नहीं हुई है। उन्होंने सुझाव दिया कि किसानों को फसल प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर ध्यान देना चाहिए ताकि कृषि आर्थिक रूप से लाभदायक बने।
100 आकांक्षी जिलों के लिए नई पहल
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत देशभर के 100 आकांक्षी जिलों का चयन किया गया है, जहां कृषि उत्पादकता और सिंचाई क्षमता अपेक्षाकृत कम है। इन जिलों में केंद्र और राज्य की 36 से अधिक योजनाओं का अभिसरण करके कृषि उत्पादन, फसल स्थिरता और ऋण प्रणाली में सुधार किया जाएगा।
₹42,000 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर ₹42,000 करोड़ रुपये की विभिन्न कृषि परियोजनाओं — जैसे दलहन आत्मनिर्भरता, कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग — के तहत 1,100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
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