पंजाब के बाद अब राजस्‍थान के किसान भी कूदे आंदोलन में, दिल्‍ली मार्च के लिए निकले

किसानों का आंदोलन केंद्र सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है। अब खबरें हैं कि राजस्थान के किसान भी इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए तैयार हैं। किसान महापंचायत की बैठक के बाद बताया गया है कि राज्य के किसान 21 फरवरी को दिल्ली के लिए मार्च करेगी। पंजाब में किसान 13 फरवरी से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अब वह बुधवार को दिल्ली की ओर रुख करेंगे।

एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने के लिए किसान राजस्थान किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में 500 ट्रैक्टर लेकर जयपुर पहुंचेंगे। ट्रैक्टर सुबह 11:00 बजे अजमेर और टोंक रोड से निकलेंगे और 200 फीट बाईपास जयपुर पर एकत्र होंगे। शाहपुरा, कोटपूतली, बहरोड़, नीमराना की ओर से दिल्ली जाने वाले हाईवे पर सीकर रोड के किसान मार्च में शामिल होंगे। महापंचायत के अनुसार राजस्थान सरकार से उनकी ओर से राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम 1961 तथा राजस्थान कृषि उपज मंडी नियम 1963 में संशोधन कर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन की गारंटी के लिए कानून बनाने का अनुरोध किया जाएगा।

एमएसपी से नीचे नहीं

पंचायत ने कहा है कि मंडी अधिनियम में घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर खरीद पर रोक लगाने का प्रावधान है, लेकिन यह प्रावधान बाध्यकारी और वैकल्पिक नहीं है। साथ ही नियमों में इस बात का भी जिक्र नहीं है कि नीलामी की बोली न्यूनतम समर्थन मूल्य से शुरू होगी। संगठन का कहना है कि 2019 से वह राजस्थान सरकार से लगातार इस तरह का संशोधन करने का अनुरोध कर रहा है।

संसद से कानून बनाने की अपील

महापंचायत के मुताबिक संविधान के तहत ऐसे कानून बनाना राज्य का विषय है। लेकिन राष्ट्रहित में संसद भी ऐसा कानून बना सकती है। इसके लिए कम से कम दो विधानसभा या राज्यसभा प्रस्ताव जरूरी हैं। इस तरह के कानून के अभाव में किसान लागत मूल्य से अपनी उपज जुटा सकेंगे। इसे भी कम दामों में बेचना पड़ता है। वर्तमान में सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5650 रुपये प्रति क्विंटल होने के बावजूद उपार्जन व्यवस्था नहीं होने के कारण बाजार में किसानों को सरसों का भाव मात्र 4200 रुपये प्रति क्विंटल तक ही मिल रहा है। महापंचायत के अनुसार विगत वर्षों में मूंग, चना और बाजरा किसानों को 1000 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक के नुकसान पर बेचना पड़ता था।

 

शेयर :

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

संबंधित श्रेणी न्यूज़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

ताज़ा न्यूज़

विज्ञापन

विशेष न्यूज़

Stay with us!

Subscribe to our newsletter and get notification to stay update.

राज्यों की सूची

Krishi-Vision 2047

Cultivating a Sustainable Future

Join the movement to shape climate-resilient agriculture in Bharat. Meet policymakers, scientists, and farmers at Krishi-Vision 2047 a powerful day of ideas, innovation, and impact.