नई दिल्ली, 17 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आयोजित 44वां भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 शुरू होने के साथ ही देश-विदेश के व्यापारियों और आगंतुकों की भारी भीड़ को आकर्षित कर रहा है। 14 नवंबर से शुरू हुआ यह 14 दिवसीय विशाल व्यापार और सांस्कृतिक समागम 27 नवंबर, 2025 तक चलेगा। इस वर्ष के मेले का मुख्य विषय “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” रखा गया है, जो देश की सांस्कृतिक विविधता और आर्थिक प्रगति को एक मंच पर प्रदर्शित करता है।मेले का औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने जोर दिया कि आईआईटीएफ भारत की प्रगति, नवाचार और विकसित तथा आत्मनिर्भर भविष्य की आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह मेला दक्षिण एशिया के प्रमुख व्यापारिक आयोजनों में से एक बन गया है, जो व्यवसाय-से-व्यवसाय (B2B) और व्यवसाय-से-उपभोक्ता (B2C) दोनों तरह के व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।
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त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था और उच्च सतर्कता
व्यापार मेला शुरू होने से कुछ दिन पहले दिल्ली के लाल किले के पास हुए बम विस्फोट की घटना के बाद मेले में सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व रूप से कड़ा कर दिया गया है। मेले के आयोजकों और दिल्ली पुलिस ने परिसर में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। पूरे भारत मंडपम परिसर में लगभग 1,500 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा सके।वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा के लिए किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जा रही है। राजधानी की सभी सुरक्षा इकाइयों को अधिकतम सतर्कता बरतने, प्रवेश द्वारों पर रैंडम जांच करने और भीड़-भाड़ वाले स्थानों, बाज़ारों और परिवहन केंद्रों के आसपास गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। भैरों रोड और मथुरा रोड की ओर बने सभी प्रवेश द्वार (गेट नंबर 3, 4, 6 और 10) पर मेटल डिटेक्टरों और पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि भारी भीड़ के बावजूद सुरक्षा मानकों से समझौता न हो।
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व्यापार और भागीदारी का भव्य प्रदर्शन
यह मेला देश के लगभग 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी के साथ-साथ 12 विदेशी देशों के प्रदर्शकों की उपस्थिति के कारण एक वैश्विक मंच का रूप ले चुका है। इस वर्ष उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और बिहार को साझेदार राज्य (Partner States) के रूप में चुना गया है, जबकि झारखंड को फोकस स्टेट (Focus State) का दर्जा दिया गया है। इन राज्यों के मंडप अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, हस्तशिल्प और औद्योगिक उपलब्धियों को प्रदर्शित कर रहे हैं।अंतर्राष्ट्रीय मंडपों में संयुक्त अरब अमीरात (UAE), चीन, ईरान, दक्षिण कोरिया, मिस्र, थाईलैंड, मलेशिया और तुर्किये सहित 12 देशों के प्रदर्शक शामिल हैं, जो अपने नवाचारी उत्पाद, हस्तशिल्प, उपभोक्ता वस्तुएं और तकनीकी समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं। कई साल बाद इस मेले में चीन ने फिर से हिस्सेदारी की है।
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आकर्षण का केंद्र: महिला शिल्पकार और डिजिटल इंडिया
व्यापार मेले में इस वर्ष कई विशेष आकर्षण देखने को मिल रहे हैं। बड़ी संख्या में महिला शिल्पकारों द्वारा बनाए गए उत्पाद आकर्षण का मुख्य केंद्र बने हुए हैं। सरस आजीविका मेला के तहत स्वयं सहायता समूहों और लखपति दीदियों की कारीगरी से बने हस्तशिल्प, पारंपरिक कपड़े और कलाकृतियाँ आगंतुकों द्वारा खूब पसंद की जा रही हैं। राजस्थान के मंडप में रंग-बिरंगी चूड़ियाँ और कश्मीर के पश्मीना शॉल की काफी मांग है।इसके अलावा, लगभग एक दशक बाद इस मेले में रक्षा मंडप भी देखने को मिला, जहाँ भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत किए गए रक्षा उत्पादन को प्रदर्शित किया जा रहा है। डिजिटल इंडिया मंडप में आधार, डिजिलॉकर, उमंग जैसी ई-गवर्नेंस पहलें और देश के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में आए बदलावों की यात्रा को दर्शाया जा रहा है। साथ ही, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के इनोवेशन हब ने भी 35 उभरते हुए स्टार्टअप्स को प्रदर्शन के लिए मंच प्रदान किया है।
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भीड़ का प्रबंधन और प्रवेश विवरण
मेला औपचारिक रूप से 14 नवंबर को शुरू हुआ था, और शुरुआती पांच दिन (14 से 18 नवंबर) व्यावसायिक आगंतुकों (Business Visitors) के लिए आरक्षित रखे गए हैं। इसके बावजूद, पहले सप्ताहांत (वीकेंड) यानी शनिवार (15 नवंबर) को दिल्ली-एनसीआर के नागरिकों ने व्यावसायिक दिनों के लिए निर्धारित ₹500 का टिकट खरीदकर भी मेले में बड़ी संख्या में भाग लिया। आयोजकों ने बताया कि सामान्य दिनों में प्रतिदिन लगभग 60,000 आगंतुकों के आने का अनुमान है।आम जनता के लिए मेला 19 नवंबर से खुलेगा, जो 27 नवंबर तक जारी रहेगा। आम दिनों में वयस्क के लिए टिकट की दर ₹80 और बच्चे के लिए ₹40 निर्धारित है। सप्ताहांत और छुट्टियों पर यह दरें क्रमशः ₹150 और ₹60 होंगी। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों को निःशुल्क प्रवेश दिया जा रहा है। टिकटों की बिक्री प्रगति मैदान के द्वारों पर नहीं की जा रही है, बल्कि ये दिल्ली-एनसीआर के 55 मेट्रो स्टेशनों और दिल्ली मेट्रो के ‘सारथी’ ऐप के माध्यम से उपलब्ध हैं। मेले में आगंतुकों का प्रवेश प्रतिदिन शाम 5:30 बजे तक ही मान्य होगा।
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