नई दिल्ली, 3 नवंबर (कृषि भूमि डेस्क): केंद्र की VLSTL योजना के तहत ग्रामीण युवा, SHG व कृषि उद्यमी अपने गांव में सॉयल टेस्टिंग लैब खोल सकते हैं। कुल लागत ₹1.5 लाख है, जिसे DBT से सरकार देती है. योग्यता, खर्च, दस्तावेज़ और आवेदन की पूरी प्रक्रिया यहां पढ़ें।

दरअसल, केंद्र सरकार ने Village Level Soil Testing Labs (VLSTL) योजना शुरू की है, ताकि किसानों को गांव स्तर पर सस्ती और समयबद्ध मृदा जांच मिल सके और ग्रामीण युवाओं को स्थानीय रोजगार के अवसर बनें। इस योजना के तहत ग्रामीण युवा, स्वयं सहायता समूह (SHG), RAWE-प्रशिक्षित कृषिसखी, SAU के छात्र और PACS से जुड़े उद्यमी अपने गांव में सॉयल टेस्टिंग लैब स्थापित कर सकते हैं।

कितनी लागत, कितनी सरकारी सहायता

  • कुल अनुमानित लागत: ₹1,50,000
  • सरकारी सहायता (DBT): ₹1,50,000 (एकमुश्त)
  • वितरण संरचना:
    • ~₹1,00,000: मृदा जांच मशीनें + 1 वर्ष का AMC
    • ~₹50,000: डिस्टिल्ड वाटर, pH मीटर, EC मीटर, इलेक्ट्रॉनिक बैलेंस, ग्लासवेयर व अन्य उपभोग्य सामग्री
  • भुगतान का तरीका: राज्य सरकार द्वारा Direct Benefit Transfer (DBT)

योजना के मुख्य उद्देश्य

  • किसानों को नजदीक और किफायती मिट्टी जांच उपलब्ध कराना
  • समय पर व सटीक रिपोर्ट, ताकि उर्वरक की सही मात्रा तय हो सके
  • इनपुट कॉस्ट में कमी और उत्पादन में वृद्धि
  • ग्रामीण रोजगार और स्थानीय डेटा संग्रह से नीति/रिसर्च को बल

कौन कर सकता है आवेदन (Eligibility)

  • शैक्षणिक योग्यता: साइंस स्ट्रीम से कम-से-कम 10वीं पास
  • कंप्यूटर ज्ञान आवश्यक
  • स्थान उपलब्धता: स्वामित्व वाली जगह या कम से कम 4 वर्ष का वैध रेंट एग्रीमेंट

लैब में जरूरी उपकरण
pH मीटर, EC मीटर, इलेक्ट्रॉनिक बैलेंस, शेकर्स/फिल्ट्रेशन, ग्लासवेयर, डिस्टिल्ड वॉटर यूनिट, सैंपल ड्राइंग/स्टोरेज किट, टेस्ट रिपोर्ट सॉफ्टवेयर/प्रिंट सुविधा।

आवेदन प्रक्रिया (Step-by-Step)

  1. स्थान चिन्हित करें: गांव में उपयुक्त वेंटिलेटेड/सुरक्षित जगह तय करें।
  2. प्रस्ताव/प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करें: उपकरण सूची, लागत आकलन, लेआउट व अपेक्षित सैंपल क्षमता शामिल करें।
  3. दस्तावेज़ संलग्न करें: भूमि/किराये का समझौता, बैंक विवरण, फोटो/आईडी आदि।
  4. जमा करें: जिले में संबंधित कृषि कार्यालय/पोर्टल पर प्रस्ताव जमा करें।
  5. DLEC जाँच: District Level Executive Committee तकनीकी/वित्तीय जाँच करेगी।
  6. SLEC अनुमोदन: State Level Executive Committee ~1 माह में अंतिम स्वीकृति जारी करती है।
  7. फंड रिलीज़: स्वीकृति के बाद ~1 सप्ताह में DBT से सहायता।
  8. क्रय व सबूत: फंड मिलने के 15 दिनों में उपकरण/सामग्री खरीदकर रसीदें जमा करें।
  9. ऑपरेशन शुरू: नमूना संग्रह, परीक्षण और किसानों को प्रिंट/डिजिटल रिपोर्ट देना शुरू करें।

आवश्यक दस्तावेज़

  • पहचान/पते का प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो
  • भूमि स्वामित्व/किराया एग्रीमेंट (न्यूनतम 4 वर्ष)
  • बैंक पासबुक/रद्द चेक (DBT हेतु)
  • शैक्षणिक योग्यता प्रमाणपत्र
  • यदि SHG/PACS/संस्था है तो रजिस्ट्रेशन/अधिकृत पत्र

नोट: कुछ राज्यों में अतिरिक्त दस्तावेज़/प्रारूप मांगे जा सकते हैं — विवरण के लिए स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें।

कैसे कमाएगी लैब?

  • प्रति सैंपल शुल्क (pH, EC, NPK, OC आदि); थोक/सीजनल पैकेज
  • फार्मर ग्रुप/एफपीओ/पंचायत के साथ MoU
  • कस्टम हायरिंग/कलेक्शन कैम्प से वॉल्यूम बढ़ाएं
  • डिजिटल रिपोर्ट + सिफारिश (किट/उर्वरक सलाह) से वैल्यू-एड

खास टिप्स:

  • उपकरण बंडल किट खरीदें ताकि AMC/कैलिब्रेशन समेत सपोर्ट मिले
  • प्री-फैब/मॉड्यूलर सेटअप से टाइम-टू-लॉन्च घटाएं
  • पंचायत/कृषि विस्तार अधिकारी के साथ जॉइंट कैम्प कराएं, किसान तक भरोसे के साथ पहुंचें===

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