नई दिल्ली, 4 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
जीएसटी (GST) परिषद ने देश की कर व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए अगली पीढ़ी के वस्तु एवं सेवा कर (GST) सुधारों की घोषणा कर दी है। आम आदमी, किसानों, श्रम-प्रधान उद्योगों, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था को राहत देने के उद्देश्य से GST दरों को युक्तिसंगत किया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इन सुधारों से देश के मध्यम वर्ग, किसानों और जरूरतमंदों को सीधा लाभ मिलेगा।
महंगाई पर राहत: आम उपभोग की वस्तुएं अब सस्ती
वित्त मंत्री ने बताया कि आम आदमी और मध्यम वर्ग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं पर GST दरों को 18% और 12% से घटाकर सिर्फ 5% कर दिया गया है। यह कदम सीधे तौर पर महंगाई को नियंत्रित करने में सहायक माना जा रहा है।
दवाएं और स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती
- 33 जीवन रक्षक दवाएं अब पूरी तरह टैक्स मुक्त होंगी।
- कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों की 3 दवाएं भी अब 0% जीएसटी के दायरे में लाई गई हैं।
- बाकी सभी दवाओं पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया है।
- स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों – व्यक्तिगत, फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिकों के लिए – को GST से छूट दी गई है।
यह फैसला स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कृषि और किसानों को सीधी राहत
- सभी कृषि उपकरणों पर जीएसटी अब सिर्फ 5% रहेगा, पहले यह 12% था।
- इससे किसानों की उत्पादन लागत घटेगी और उन्हें अधिक लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह फैसला किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को मजबूती देगा।
श्रम-प्रधान उद्योगों को बढ़ावा
- GST में बदलाव से हस्तशिल्प, कपड़ा, चमड़ा, और लघु उद्योगों को राहत मिलेगी।
- इससे रोजगार में वृद्धि और घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
टीवी, एसी, कारें और मोटरसाइकिल अब सस्ती
- AC, 32 इंच से बड़े टीवी, डिशवॉशर, छोटी कारें और मोटरसाइकिलों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है।
- इससे आम उपभोक्ताओं के लिए इन वस्तुओं की कीमतों में बड़ी गिरावट संभव है।
कर ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव
- 12% और 28% की GST दरें समाप्त कर दी गई हैं।
- अब केवल दो प्रमुख स्लैब – 5% और 18% – को बनाए रखा गया है।
- यह कदम अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
आर्थिक भार और सरकार की प्रतिबद्धता
राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि इन नई दरों के लागू होने से सरकार पर ₹48,000 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिसे केंद्र और राज्य सरकारें साझा रूप से वहन करेंगी। GST परिषद के इन नए फैसलों से आम आदमी को राहत, किसानों को सहयोग और उद्योगों को प्रोत्साहन मिलने की पूरी संभावना है। आगामी दिनों में इन फैसलों के ज़मीनी प्रभाव पर नजर रखना दिलचस्प होगा।
===
हमारे लेटेस्ट अपडेट्स और खास जानकारियों के लिए अभी जुड़ें — बस इस लिंक पर क्लिक करें: