नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): भारत सरकार ने पीली मटर (Yellow Pea) के आयात पर 1 नवंबर 2025 से 30 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। इस शुल्क में 10% बेसिक इंपोर्ट ड्यूटी और 20% कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर विकास सेस (AIDC) शामिल होगा। यह फैसला 29 अक्टूबर को वित्त मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि 31 अक्टूबर 2025 तक बिल ऑफ लेडिंग (Bill of Lading) की तारीख वाले सभी शिपमेंट्स पर शून्य शुल्क ही लागू रहेगा। यानी जो माल इस तारीख से पहले रवाना हो चुका है, वह पुराने शुल्क-मुक्त नियमों के अंतर्गत रहेगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
भारत दुनिया का सबसे बड़ा पीली मटर आयातक देश है। मुख्य रूप से यह मटर कनाडा और रूस से आती है। हाल के महीनों में आयात बढ़ने से घरेलू बाजार में दालों की कीमतें गिरने लगी थीं, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा था।
सरकार का उद्देश्य इस कदम से घरेलू किसानों को सस्ते आयात से सुरक्षा देना और दाल उत्पादन को प्रोत्साहित करना है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, लगातार बढ़ती आयात निर्भरता से देश के दाल उत्पादन पर असर पड़ रहा था। अब आयात महंगा होने से किसान चना, अरहर और मटर जैसी फसलों की ओर अधिक आकर्षित होंगे।
क्या होगा असर?
यह निर्णय जहां किसानों के लिए राहत लेकर आया है, वहीं आयातकों और व्यापारियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। जो व्यापारी अक्टूबर के अंत तक शून्य शुल्क का लाभ लेना चाहते हैं, वे जल्दी से जल्दी अपने ऑर्डर पूरे करने में जुटे हैं।
दूसरी ओर, उपभोक्ताओं को आने वाले महीनों में पीली मटर और कुछ दालों की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
हालांकि सरकार का मानना है कि यह कदम दीर्घकालिक कृषि संतुलन बनाए रखने में सहायक होगा और किसानों को बेहतर कीमतें दिलाने में मदद करेगा।
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