मुंबई, 04 अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):
Tariff News: अमेरिका ने कनाडा (Canada) से आयात की जाने वाली गैर-USMCA श्रेणी की वस्तुओं पर 35% आयात शुल्क (Tariff) लगाने की घोषणा की है। बाइडेन (Biden) प्रशासन के इस निर्णय को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में संतुलन लाने और घरेलू उद्योगों को सुरक्षा प्रदान करने की नीति के तहत उठाया गया कदम बताया जा रहा है।
हालांकि, कनाडा ने इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे “एकतरफा, अनुचित और द्विपक्षीय व्यापार समझौतों के खिलाफ” करार दिया है।
अमेरिका का तर्क
अमेरिकी वाणिज्य विभाग के अनुसार, ये टैरिफ उन कनाडाई उत्पादों पर लगाए गए हैं जो USMCA (United States–Mexico–Canada Agreement) के दायरे में नहीं आते या जो समझौते की “Country of Origin” शर्तों को पूरा नहीं करते। इन उत्पादों में मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम, मशीन टूल्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, और कुछ कृषि वस्तुएं शामिल हैं।
अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि इन टैरिफ का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और चीन जैसी तीसरी अर्थव्यवस्थाओं के माध्यम से “रूल्स ऑफ ओरिजिन” के दुरुपयोग को रोकना है।
कनाडा की प्रतिक्रिया
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस फैसले को “गंभीर व्यापारिक उल्लंघन” बताया और कहा कि कनाडा WTO (विश्व व्यापार संगठन) में इस निर्णय के खिलाफ अपील करेगा। साथ ही कनाडा ने संभावित प्रतिउत्तर टैरिफ लगाने की भी चेतावनी दी है।
कनाडाई व्यापार मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि यह फैसला उत्तरी अमेरिकी आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता को खतरे में डालता है और इससे दोनों देशों के बीच वर्षों से चला आ रहा भरोसा प्रभावित होगा।
व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि इस निर्णय से द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। यह Tariff खासकर उन कनाडाई निर्यातकों को प्रभावित करेगा जिनका व्यापार USMCA के तकनीकी दायरे से बाहर है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस नीति से अमेरिकी उपभोक्ताओं को कीमतों में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां कनाडा प्रमुख आपूर्तिकर्ता है।
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