Strawberry Crop:अब स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए मिलेगी सब्सिडी, सीएम शिंदे ने किया ऐलान

सतारा: महाराष्ट्र के प्रसिद्ध सतारा जिले के महाबलेश्वर तालुका में बड़ी मात्रा में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन होता है। महाराष्ट्र में पर्यटन के लिए मशहूर महाबलेश्वर का मौसम स्ट्रॉबेरी के उत्पादन के लिए बेहतरीन हैं। इस क्षेत्र की स्ट्रॉबेरी बहुत अच्छी गुणवत्ता की होती है,यहाँ के अधिकतर किसान स्ट्रॉबेरी की खेती पर निर्भर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की है कि सरकार किसानों के फायदे के लिए स्ट्रॉबेरी की फसल पर सब्सिडी देने की कोशिश कर रही है और साथ ही जल्द ही स्ट्रॉबेरी से वाइन बनाने का प्रोजेक्ट भी लगाया जाएगा।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जल्द लेंगे निर्णय

मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि इस बारे में सतारा जिले के संरक्षक मंत्री शंभूराज देसाई और विधायक मकरंद पाटिल से चर्चा के बाद जल्द ही इस पर निर्णय लिए जाने की संभावना है।

दोगुनी आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान

मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, किसानों को अब पारंपरिक खेती में आधुनिकता जोड़नी चाहिए और कृषि फसलों पर प्रसंस्करण उद्योग लगाने से किसानों को अधिक लाभ होगा। इस संबंध में कृषि में निवेश बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। कृषि से आर्थिक आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जिन्हे खेती में तालाब की जरुरत है, उनके लिए तालाब, सिंचाई, एक रुपये में फसल बीमा जैसी कई योजनाएं चला रही है। सरकार ने भारी बारिश से प्रभावित किसानों को एनडीआरएफ के मानकों से दोगुनी आर्थिक सहायता देने का भी फैसला किया है।

स्ट्रॉबेरी विद सीएम कार्यक्रम में शिंदे ने किया घोषणा

पंचगनी के बिलिमोरिया स्कूल हॉल में स्ट्रॉबेरी विद सीएम के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिंदे ने ये ऐलान किया। इस मौके पर संरक्षक मंत्री शंभूराज देसाई, विधायक मकरंद पाटिल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी यशनी नागराजन,अतिरिक्त कलेक्टर जीवन गलांडे और कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस मौके पर एकनाथ शिंदे ने कहा किसानों को खेती करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चूंकि यह सरकार आम लोगों और किसानों की है, इसलिए इन तत्वों के विकास के लिए सभी जरूरी काम किये जायेंगे। पर्यावरण संवर्धन के लिए सभी को पौधे लगाने के साथ ही उसका संरक्षण भी करना चाहिए।

स्ट्रॉबेरी से बनेगी वाइन

महाबलेश्वर और जावली पहाड़ी तालुके हैं। यहां के नागरिक काम के लिए मुंबई आते हैं। हम पर्यटन विकास के साथ-साथ रोजगार सृजन पर भी जोर दे रहे हैं ताकि युवा गांव वापस आएं, जो लोग नौकरी की तलाश में शहर जाते हैं उनके लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हो। यहां के किसानों को बांस की खेती की ओर रुख करना चाहिए। बांस एक नकदी फसल है और बांस से फर्नीचर और इथेनॉल का उत्पादन किया जा सकता है।उन्होंने सरकार से बांस की खेती के लिए सब्सिडी देने और इसका लाभ उठाने की भी अपील की। मुख्यमंत्री शिंदे ने इस मौके पर यह भी कहा कि महाबलेश्वर में स्ट्रॉबेरी से वाइन बनाने का प्रोजेक्ट भी लगाया जाएगा। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महाबलेश्वर तालुक के स्ट्रॉबेरी उत्पादक किसान शामिल हुए।

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