पटना, 06 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेला इस वर्ष एक नए रूप में किसानों के लिए बड़ा आकर्षण साबित हो रहा है। पहली बार पारंपरिक पशु मेले के साथ कृषि मेला भी आयोजित किया गया है, जिसमें किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों पर 80% तक सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। कृषि मंत्री राम कृपाल यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस विशेष कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जहाँ किसानों की भारी भीड़ जुटी और कृषि विभाग के स्टॉलों पर लगातार रौनक बनी रही।
किसानों का विकास राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता: कृषि मंत्री
उद्घाटन समारोह में कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, जहाँ 76% आबादी खेती पर निर्भर है और 90% किसान लघु एवं सीमांत श्रेणी में आते हैं। उन्होंने जोर दिया कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में बिहार का कृषि विकास निर्णायक भूमिका निभाएगा। इसके लिए राज्य सरकार खाद–बीज, पानी, आधुनिक तकनीक और कृषि यंत्रों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएँ चला रही है।
कृषि प्रदर्शनी किसानों को नई-नई तकनीकों व नवाचारों से जोड़ने का प्रमुख मंच बन रही है।
आधुनिक तकनीक और इनोवेशन मेले का आकर्षण
मेले में कृषि वैज्ञानिक मिट्टी परीक्षण, माइक्रो-इरिगेशन, जैविक खेती, समेकित कृषि प्रबंधन, ड्रिप सिस्टम, आधुनिक बीज तकनीक और स्मार्ट खेती पर किसानों को मार्गदर्शन दे रहे हैं। कई किसान पहली बार इतने बड़े स्तर की तकनीकी प्रदर्शनी देख रहे हैं, जिससे उन्हें नए कृषि मॉडल अपनाने की प्रेरणा मिल रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में स्मार्ट और टेक–ड्रिवन खेती कृषि का मुख्य आधार बनने जा रही है।
कृषि यंत्रों पर भारी सब्सिडी – 80% तक लाभ
मेले का सबसे बड़ा आकर्षण आधुनिक कृषि यंत्रों पर दी जा रही भारी सब्सिडी है। मार्केट में 42,000 रुपये की मशीन पर सामान्य श्रेणी के किसानों को 21,000 रुपये सब्सिडी, जबकि एससी/एसटी किसानों को 24,000 रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है।
सब्सिडी सिर्फ एक-दो मशीनों तक सीमित नहीं है – मसाला मिल, पावर टिलर, रीपर, रोटावेटर, सीड-कम-फर्टिलाइज़र ड्रिल, स्प्रे मशीन, और अन्य कई आधुनिक यंत्र भी शामिल हैं।
यह उन किसानों के लिए बेहद बड़ा अवसर है जो लंबे समय से यंत्र खरीदना चाहते थे लेकिन कीमतें ऊँची होने से फैसला नहीं ले पा रहे थे।
ऑनलाइन आवेदन और परमिट—सरल प्रक्रिया
सब्सिडी पाने के लिए किसानों को सबसे पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद किसान अपने प्रखंड के कृषि अधिकारी से परमिट प्राप्त करेंगे। परमिट मिलने के बाद ही किसान मेले में जाकर सब्सिडी पर यंत्र खरीद सकेंगे।
अधिकारियों के अनुसार जब तक बजट उपलब्ध है, तब तक यह सब्सिडी जारी रहेगी, इसलिए किसानों को जल्द आवेदन करने की सलाह दी गई है।
पूरे बिहार के किसानों के लिए खुला है मौका
यह मेला सिर्फ सारण जिले के किसानों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे बिहार के लिए खुला है। कृषि विभाग ने बताया कि जल्द ही पटना में भी बड़ा कृषि मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें और अधिक तकनीक, यंत्र और सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
सरकारी योजनाओं और फसल सलाह की भी विस्तृत जानकारी
मेले में रबी फसल की तैयारी को ध्यान में रखते हुए किसानों को फसल प्रबंधन, संतुलित उर्वरक उपयोग, देरी से बुवाई के समाधान, कीट–रोग नियंत्रण, मिट्टी परीक्षण आवश्यकताएँ, ड्रिप एवं माइक्रो-इरिगेशन पर विशेषज्ञ सलाह दी जा रही है।
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे मिट्टी की जांच अवश्य कराएँ और उसके अनुसार उर्वरक प्रबंधन अपनाएँ।
किसानों के लिए बदलाव का बड़ा मंच
सोनपुर कृषि मेला 2025 में सरकार की यह पहल किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो रही है। आधुनिक कृषि मशीनें, नई तकनीक, विशेषज्ञ सलाह और 80% तक की सब्सिडी—यह सब मिलकर खेती को अधिक लाभदायक, आधुनिक और आसान बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
यह मेला न सिर्फ वर्तमान सीजन बल्कि आने वाले वर्षों में भी किसानों के तकनीकी विकास और आय वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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