नई दिल्ली, 01 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): सरकार ने किसानों को लागत घटाने और खेती को लाभकारी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। नई पहल के तहत 40,521 सोलर पंप सब्सिडी पर दिए जाने का फैसला किया गया है, जिससे देशभर के लाखों किसानों को सिंचाई में भारी राहत मिलेगी।
यह योजना उन किसानों के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण है जो बिजली और डीज़ल के बढ़ते खर्च से परेशान हैं। सोलर पंप के जरिए सिंचाई करने पर किसानों की ऊर्जा लागत लगभग खत्म हो जाती है, जिससे उनकी प्रति एकड़ खेती लागत में सीधी बचत होती है।
अधिकारी बताते हैं कि इस पहल का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और किसानों को महंगी बिजली से राहत देना है। पारंपरिक पंपों के मुकाबले सोलर पंप लंबे समय तक चलने वाले, कम रखरखाव वाले और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, सिंचाई में होने वाले खर्च को कम करना किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। कई छोटे और सीमांत किसान बिजली की अनियमित सप्लाई और डीज़ल के महंगे दामों के कारण सिंचाई समय पर नहीं कर पाते, जिससे फसल उत्पादन प्रभावित होता है। सोलर पंप इस समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करते हैं।
सरकार का कहना है कि इस योजना से सिंचाई की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित होगी, खेती का कुल खर्च कम होगा, फसल उत्पादन में सुधार होगा, और किसानों की आय में प्रत्यक्ष बढ़ोतरी होगी।
किसानों के लिए यह सब्सिडी न केवल आर्थिक राहत है बल्कि दीर्घकालिक रूप से टिकाऊ कृषि की दिशा में एक बड़ा बदलाव भी है।
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