मुंबई, 16 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र सरकार से प्याज निर्यात सब्सिडी को दोगुना करने की मांग की है, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके और बाजार में प्याज की कीमतें स्थिर रहें। यह जानकारी राज्य के विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने मंत्रालय में आयोजित बैठक के बाद दी।
बैठक में कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे, खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री नरहरि जिरवाल, कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष पाशा पटेल, विधायक रमेेश बोरनारे, विट्ठल लांघे, साथ ही विपणन विभाग के प्रधान सचिव प्रवीण दराडे, विपणन महासंघ के प्रबंध निदेशक श्रीधर दुबे पाटिल, संयुक्त सचिव विजय लहाणे तथा नेफेड और एनसीसीएफ के अधिकारी उपस्थित रहे।
उत्पादन बढ़ा, पर निर्यात जरूरी
विपणन मंत्री रावल ने बताया कि इस वर्ष प्याज का उत्पादन 55 लाख मीट्रिक टन बढ़ा है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए निर्यात को बढ़ावा देना बेहद ज़रूरी है। मुख्यमंत्री की मांग पर केंद्र सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया है। इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्याज की सप्लाई बढ़ेगी और राज्य में कीमतें नियंत्रित रहेंगी।
अफवाहों और जमाखोरी पर कार्रवाई
रावल ने कहा कि समय-समय पर अफवाहें फैलाकर प्याज की कीमतों में हेरफेर किया जाता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है। इस पर अंकुश लगाने के लिए जिला कलेक्टरों के नियंत्रण में सतर्कता समितियाँ सक्रिय की गई हैं। जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर सख्ती से निगरानी रखी जाएगी।
मंडी समितियों की भूमिका
कृषि विपणन बोर्ड के माध्यम से राज्य की 28 कृषि उपज मंडी समितियों के अध्यक्षों और सचिवों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा चर्चा की गई। रावल ने कहा कि मंडी समितियों का दायित्व किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना है। जो समितियाँ कुशलतापूर्वक कार्य कर रही हैं, उन्हें राज्य की सुदृढ़ीकरण योजना में प्राथमिकता दी जाएगी।
नई परियोजना: प्याज का पाउडर और चिप्स
भविष्य की योजना बताते हुए मंत्री रावल ने कहा कि राज्य में किसान उत्पादक समूहों और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सौर ऊर्जा आधारित प्याज निर्जलीकरण परियोजना लागू की जाएगी। इसके तहत 1 लाख मीट्रिक टन प्याज का पाउडर और प्याज चिप्स बनाकर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेचा जाएगा।
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