कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड योजना: बैंक के चक्कर काट कर परेशान किसानों के लिए केंद्र ने देश भर में कम से कम एक लाख करोड़ की पूंजी उपलब्ध कराने के लिए दो साल पहले कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत महाराष्ट्र में सर्वाधिक साढ़े चार हजार से अधिक संस्थानों को कृषि पूंजी मिल चुकी है।

2396 करोड़ के वितरण के साथ देश में दूसरे स्थान पर राज्य

बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 2396 करोड़ रुपये के वितरण से राज्य ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। इस योजना में किसानों द्वारा पंजीकरण के 24 घंटे के भीतर प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। फसल कटाई के बाद प्रबंधन सुविधाओं और सामूहिक खेती में परियोजनाओं के लिए बैंक सुविधाएं प्रदान करने में अनिच्छुक नजर आते हैं। इसलिए, केंद्र ने देश भर में इस योजना का प्रारंभ किया। जिसमें से 8460 करोड़ रुपये की पूंजी महाराष्ट्र में वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना में व्यक्तिगत किसान, युवा कृषि-उद्यमियों के साथ-साथ कृषि-उत्पादक कंपनियां भी भाग ले रही हैं।

9 प्रतिशत ब्याज दर में केंद्र से मिलेंगे 3 प्रतिशत

अन्य कृषि प्रकल्प के लिए बैंक 11 प्रतिशत से अधिक ब्याज लेती है। लेकिन इस योजना के लिए केंद्र ने 9 प्रतिशत ब्याज की दर निश्चित की है।9 फीसदी ब्याज पर केंद्र खुद 3 फीसदी ब्याज रिफंड देता है। इसलिए ये योजना महज 6 फीसदी में ही साकार हो रही है।

योजना के लिए प्रत्येक राज्य में केंद्र का सेल

यह योजना समूह खेती, सटीक खेती, आपूर्ति श्रृंखला सेवाओं, कृषि परिवहन वाहनों या ट्रैक्टरों से जैविक या जैविक इनपुट के लिए ऋण भी प्रदान करती है। इस योजना को बिचौलियों और दलालों के कब्जे से बचाने के लिए केंद्र ने प्रत्येक राज्य में कृषि विभाग में एक अलग सेल बनाया है। इस सेल में कृषि एवं बैंकिंग क्षेत्र के सेवानिवृत्त अनुभवी अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। इसलिए बैंकों की ओर से कोई भी समस्या होने पर उसे तुरंत दूर कर दिया जाता है।

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